World Health Day: हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह- 30 के उम्र के बाद नियमित हेल्थ टेस्ट है जरूरी

हेल्‍थ। प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर’ यह कहावत आपने जरूर सुनी होगा, जिसका मतलब होता है कि किसी बीमारी-समस्या के बढ़ने से पहले उसकी रोकथाम कर लेना बहुत आवश्यक होता है। सेहत के मामले में इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है। हेल्‍थ एक्‍सपर्ट कहते हैं कि कुछ बीमारियों में शुरू में बरती गई लापरवाही या नजरअंदाजगी गंभीर समस्याकारक हो जाती है। जबकि अगर समय रहते सही निदान और उपचार हो जाए तो न सिर्फ आप बड़े खर्च से बच जाते हैं, साथ ही गंभीर जटिलताओं का जोखिम भी कम होता है। यही कारण है कि सभी लोगों को नियमित रूप से हेल्थ टेस्ट कराते रहने की सलाह दी जाती है।

स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ डे के अवसर पर डॉक्टर्स कहते हैं, सभी लोगों को आवश्यक तौर पर 30 की आयु के बाद नियमित रूप से हेल्थ टेस्ट कराते रहना चाहिए। ऐसा करके आप भविष्य में होने वाली कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम कर सकते हैं।

जांच के माध्यम से समय रहते बीमारियों का निदान हो जाना आपको किसी बड़े जोखिम से बचाने में भी काफी मददगार है। तो आइए जानते हैं कि इसके लिए कौन-कौन से जांच आवश्यक है?
विश्व स्वास्थ्य दिवस पर हेल्‍थ एक्सपर्ट कहते हैं, जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली, शरीर के अंगों की कार्यक्षमता कम होने लगती जाती है। इसके साथ कई प्रकार की बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। नियमित रूप से चिकित्सकीय सलाह लेना और स्वस्थ रहने के लिए कुछ परीक्षण कराते रहना यहां आवश्यक हो जाता है।

कई बीमारियों का अगर समय पर निदान और इलाज हो जाए तो इसके गंभीर रूप लेने का जोखिम काफी हद तक कम किया जा सकता है। 30 की आयु के बाद नियमित जांच कराते रहना सभी के लिए जरूरी है।

कौन-कौन से टेस्ट कराएं?

पिछले दो-तीन दशक में डायबिटीज और हृदय रोगियों के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके अलावा कोरोना महामारी के बाद हृदय स्वास्थ्य की जटिलताओं के मामले अधिक रिपोर्ट हो रहे हैं। नियमित ब्लड टेस्ट, कोलेस्ट्रॉल स्क्रीनिंग और रक्तचाप की जांच भविष्य में किसी भी गंभीर बीमारी को रोकने में मदद कर सकती है।

हर छह महीने पर शुगर की जांच (HbA1c) के साथ कोलेस्ट्रॉल की जांच अवश्‍य कराते रहें। यह डायबिटीज-हृदय रोगों के जोखिमों को जानने में हेल्‍प करेगी।

भारत में महिलाओं में एनीमिया की समस्या बहुत आम है जो समय के साथ कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। हर छह महीने पर हीमोग्लोबिन के स्तर की जांच अवश्‍य कराएं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हृदय रोगों और इसके कारण मौत का खतरा अधिक होता है। कोलेस्ट्रॉल, लिपिड टेस्ट, ब्लड प्रेशर की जांच आपमें समय रहते इसके जोखिमों को पहचानने और उससे बचाव के लिए सहायक हो सकता है।

थाइरॉइड और अन्य जांच
देश में 40-50 की आयु तक जाते-जाते अधिकतर लोग थाइरॉइड की समस्या के शिकार हो जाते हैं, यह विकार संपूर्ण शरीर के लिए हानिकारक है। समय-समय पर थाइरॉइड की जांच कराना और उससे बचाव के उपाय करते रहना आवश्यक है। इसके अलावा किडनी-लिवर फंक्शन टेस्ट कराके आप पाचन और उससे संबंधित रोगों के खतरे को कम कर सकते हैं। आपकी सेहत के हिसाब से कौन-कौन से जांच आवश्यक हैं, इसके बारे में जानने के लिए किसी एक्‍सपर्ट की सलाह अवश्‍य ले लें।

 

 

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