हरियाणा। छोटी उम्र में ही बड़े कारनामों से कौटिल्य पंडित ने गूगल ब्वॉय के नाम से करनाल को देश दुनिया में विशेष पहचान दिलाई है। उनसे प्रेरणा लेकर न केवल बच्चों में पढ़ाई के लिए आगे बढ़ने की होड़ है, बल्कि कई विश्वविद्यालय एवं शिक्षण संस्थानों के प्राध्यापक भी उनसे विद्यार्थियों को नए तरीके से पढ़ाने की टिप्स लेते हैं। कौटिल्य को संयुक्त राष्ट्र संघ से ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी 2020-21 अवार्ड भी मिल चुका हैं। इसके अलावा इंग्लैंड की संसद, भारत के दो राष्ट्रपति और हरियाणा के दो मुख्यमंत्री भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। छह साल की आयु में जब बच्चे वर्णमाला और कविताएं सीखते हैं, उस आयु में कौटिल्य ने कंप्यूटर को मात देने के साथ 12वीं नॉन मेडिकल के अलावा आईआईटी और जेईई स्तर के विभिन्न विषयों की भी पढ़ लिया। उस समय पढ़े गए विज्ञान और गणित के फार्मूले, थ्योरम आज भी उन्हें याद हैं। इसी विशेषता के कारण ही कौटिल्य ने यूएसए, यूके, जर्मनी, ईरान, एशिया, जापान, साउथ कोरिया आदि 30 देशों के 100 जीनियस बच्चों में जगह बनाते हुए ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी 2020-21 अवार्ड प्राप्त किया। कौटिल्य ने बताया कि 29 अगस्त 2020 को संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यावरण कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहेम ने यह पुरस्कार दिया था, 2018 में इनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी संयुक्त राष्ट्र द्वारा चैंपियन ऑफ द अर्थ अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं।