फेफड़ों को क्लीन और मजबूत बनाने के ये आसान उपाय, सांसों पर कम होगा प्रदूषण का असर

Health tips: आजकल खराब लाइफस्टाइल और प्रदूषण से फेफड़ों पर बुरा असर हो रहा है. इसके अलावा अनहेल्दी डाइट की वजह से भी हमारे लंग्स को नुकसान पहुंचता है. यहां हम आपको फेफड़ों को क्लीन और मजबूत बनाने के कुछ आसान उपाय बताएंगे. धूल, मिट्टी, धुआं आदि के कारण फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इसमें लंग कैंसर भी शामिल है.

प्रदूषण के अलावा धूम्रपान करने से भी फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं होती है. यदि हमारे फेफड़े सही नहीं रहेंगे तो हमारा शरीर भी ठीक तरह से काम नहीं कर पाएगा. अपने लंग्स को हेल्दी रखने के लिए हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.

फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए क्या करें-
हेल्दी डाइट अपनाएं

आपका खानपान सीधे तौर पर फेफड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर डाइट जैसे, टमाटर, गाजर, हरी पत्तेदार सब्जियां और फल फेफड़ों की सूजन को कम करते हैं और टिशूज को रिपेयर करते हैं. डॉक्टर के अनुसार,  “ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन C और E युक्त भोजन फेफड़ों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है. 

नियमित एक्सरसाइज करें

हफ्ते में कम से कम 5 दिन, 30 मिनट तक ब्रिस्क वॉक, योग या साइकलिंग जैसी गतिविधियां करें. इससे फेफड़ों की ऑक्सीजन कैपेसिटी बढ़ती है और श्वास प्रणाली मजबूत होती है. 

एयर क्वालिटी अलर्ट पर नजर रखें

आजकल कई एप्स हैं जो आपके क्षेत्र की एयर क्वालिटी इंडेक्स की जानकारी देते हैं. अगर AQI 150 से ज्यादा हो, तो बाहर निकलने से बचें या मास्क पहनें. घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग भी फायदेमंद है.

आंतों को रखें स्वस्थ

हमारी आंत में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया (माइक्रोबायोम) सिर्फ खाना पचाने और मल त्याग में मदद नहीं करते, बल्कि शरीर के कई बड़े अंगों पर असर डालते हैं. इसमें फेफड़े भी शामिल हैं. आंत का माइक्रोबायोम हमारी सांस लेने की क्षमता और फेफड़ों की सेहत को मजबूत करता है. अगर आंत स्वस्थ है तो शरीर में सूजन कम होती है. जिससे सांस की नलियां (वायुमार्ग) लचीली और बेहतर काम करती हैं. आपको डाइट में ऐसे प्रोबायोटिक सप्लीमेंट शामिल करने चाहिए जो आंत और फेफड़ों के संबंध को मजबूत करने के लिए बनाए गए हैं.

लंग्स के लिए फायदेमंद तुलसी और हल्दी

हल्दी अपने एंटीसेप्टिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है. इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट सूजन को कम करने और श्वसन नली को साफ रखकर सांस लेने और छोड़ने को सरल बनाने का काम करते हैं. यह एक नेचुरल एंटीवायरस है जो फेफड़ों को प्रभावित करने वाले वायरल संक्रमण से दूर रखने में मदद करता है. तुलसी में पोटेशियम, आयरन, क्लोरोफिल, मैग्नीशियम, विटामिन सी आदि पाया जाता है. यह सभी फेफड़ों को हेल्दी रखने में मदद करते हैं

स्मोकिंग से दूर रहें

सिगरेट, बीड़ी या हुक्का – किसी भी तरह का धुआं फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ा देता है. खुद भी न पीएं और पैसिव स्मोकिंग से भी बचें.

नियमित जांच करवाएं

अगर आपको बार-बार खांसी, सांस फूलना या सीने में भारीपन लगता है, तो नजरअंदाज न करें. डॉक्टर से जांच करवाएं और जरूरत हो तो लो डोज सीटी स्कैन जैसे टेस्ट भी कराएं. डॉ. के अनुसार, “लंग हेल्थ को नजरअंदाज करना अब लग्जरी नहीं, खतरा है. शुरुआती लक्षणों को पकड़ना ही बेहतर इलाज की कुंजी है.” 

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