Health tips: कमर दर्द इन दिनों एक आम समस्या बन चुकी है. इससे लगभग हर दूसरा व्यक्ति परेशान है. कमर दर्द के पीछे कई कारण हो सकते हैं. जैसे चोट लगना, किसी पुरानी बीमारी का फिर से बढ़ना, घंटों एक जगह बैठकर काम करना या फिर गलत पोस्चर में बैठना या सोना. कमर दर्द होने पर सिकाई करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि सिकाई से दर्द में काफी राहत मिलती है. लेकिन अक्सर लोगों के मन में ये सवला रहता है कि कमर दर्द में ठंडे पानी से सिकाई करनी चाहिए या फिर गर्म पानी से. क्योंकि कई बार लोग बिना जानकारी के सिकाई कर लेते हैं, जिससे फायदा मिलने के बजाय तकलीफ और बढ़ जाती है. ऐसे में चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं कि कमर दर्द में ठंडा या गर्म किससे सिकाई करनी चाहिए.
कब करें गर्म सिकाई?
- अंकुर नंदन बताते हैं, गर्म सिकाई से खून का संचार बढ़ता है और मांसपेशियों की जकड़न कम होती है. यह पुराने दर्द, मांसपेशियों की अकड़न और खिंचाव में काफी राहत देती है. ऐसे में-
- अगर आपकी कमर में लंबे समय से दर्द है खासकर लोअर बैक पेन है, तो गर्म सिकाई करें. इससे मांसपेशियां रिलैक्स होंगी और आराम मिलेगा.
- पिरियड्स पेन में गर्म पानी की बोतल रखने से दर्द और ऐंठन में राहत मिलती है.
- साइटिका के दर्द में गर्म सिकाई आराम पहुंचाती है.
- इन सब से अलग अगर आपको गर्दन में जकड़न या खिंचाव महसूस हो, तो गर्म सिकाई से राहत मिलती है.
कब करें ठंडी सिकाई?
- ठंडी सिकाई से सूजन और इंफ्लेमेशन कम होती है. ऐसे में ताजा चोट लगने, मोच आने या सूजन होने पर ठंडी सिकाई करने से जल्दी आराम मिलता है.
- अगर आपको कंधे में खिंचाव महसूस हो रहा है, हल्की सूजन है, तो इस हिस्से पर आइस पैक से सिकाई करें. इससे आपको दर्द में राहत मिलेगी और सूजन कम होगी.
- वहीं, घुटनों का दर्द खासकर जब दर्द सूजन की वजह से हो, तो ठंडी सिकाई ज्यादा फायदेमंद होती है.
सिकाई करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
ज्यादा गर्म पानी से सिकाई नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही अगर बर्फ से सिकाई करते समय त्वचा में बहुत ज्यादा ठंडक महसूस हो या त्वचा सुन्न पड़ने लगे तो सिकाई रोक देनी चाहिए. घर पर सिकाई करने से काफी आराम तो मिलता है लेकिन चोट लग जाने पर डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए उनके परामर्श से ही घर पर सिकाई करें.
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