Bihar: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को अचानक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने उनके सरकारी आवास पर पहुंच गए. जहां करीब 15 मिनट तक मीटिंग चली. इस मुलाकात ने बिहार के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है कि आखिर 15 मिनट चली इस बंद कमरे की मीटिंग में क्या बात हुई? मुलाकात खत्म होते ही अमित शाह चुनावी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सीधे छपरा जिले के तरैया विधानसभा क्षेत्र के लिए रवाना हो गए.
15 मिनट की मुलाकात से NDA कैंप में हलचल
सुबह करीब 8:30 बजे गृह मंत्री अमित शाह मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. उनके साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े भी मौजूद थे. करीब 15 मिनट तक अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच गुप्त मीटिंग चली. सूत्रों के मुताबिक बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चरण की रणनीति, उम्मीदवारों के चयन और संयुक्त प्रचार कार्यक्रम पर चर्चा हुई.
चुनावी रणनीति पर गहन मंथन
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में एनडीए के सीट शेयरिंग, प्रचार अभियान की रूपरेखा और मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर चल रही अटकलों पर भी चर्चा हुई. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि शाह ने पार्टी नेताओं को संदेश दिया है कि “नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा, सिर्फ भाजपा ही नहीं पूरे बिहार की जनता को नीतीश कुमार पर भरोसा है, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा यह जीत के बाद विधायक दल तय करेगा.” इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है.
एनडीए में ये है सीट बंटवारे का फार्मूला
बता दें कि बिहार में बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं जबकि केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को छह-छह सीटें दी गईं. वहीं, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें दी गई हैं. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के चुनाव दो चरणों 6 और 11 नवंबर में होंगे. इस बीच मतगणना 14 नवंबर को होगी.
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