सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के ट्रांसफर पर आया अपडेट,DEO के मिले नए निर्देश

Bihar news: बिहार सरकार ने सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों का ट्रांसफर छात्रों के अनुपात के अनुसार किया जायेगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग अब जिलेवार रिपोर्ट देने को कहा है। प्रत्येक जिले से विद्यालय वार छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर रिपोर्ट ली जाएगी। जिस विद्यालय में तय मानक से ज्यादा शिक्षक होंगे, उनका स्थानांतरण संबंधित प्रखंड के विद्यालय में होगा।

40 बच्चों पर एक शिक्षक का मानक तय

जिस विद्यालय में छात्र-शिक्षक अनुपात में अंतर होगा, वहां शिक्षकों का पदस्थापन संतुलित किया जाएगा। शिक्षा का अधिकार कानून के आलोक में 40 बच्चों पर एक शिक्षक का मानक तय है।

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक, कमेटी की रिपोर्ट में शिक्षकों से लेकर छात्र-छात्राओं के हित में महत्वपूर्ण सुझाव को अमल में लाने को प्राथमिकता दी जाएगी। जहां तक सरकारी विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात का प्रश्न है तो अभी यह अनुपात 46 बच्चों पर एक शिक्षक है।

छात्रों की संख्या के आधार पर शिक्षक रखे जाएगें

शिक्षा विभाग ने अपने निर्देश में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि शिक्षकों के पदस्थापन को लेकर छात्र-छात्राओं के हित में महत्वपूर्ण सुझाव को अमल में लाने को प्राथमिकता दी जाएगी। जहां तक सरकारी विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात का प्रश्न है तो शिक्षा का अधिकार कानून अधिनियम के प्रविधान के तहत 30 बच्चों पर एक शिक्षक होना आवश्यक है।

यह व्यवस्था पहली से पांचवीं कक्षा तक अनिवार्य किया गया है। वहीं, जिन विद्यालयों में 61 से 90 बच्चों की संख्या है वहां पर तीन शिक्षक होना चाहिए। इसी तरह 91 से 120 बच्चों पर चार शिक्षक होने चाहिए। इसी प्रकार 121 से 200 छात्हों की संख्या रहने पर पांच शिक्षक का प्रविधान है।

100 बच्चों पर एक स्थायी प्रधानाध्यापक समेत 5 शिक्षक अनिवार्य

वहीं, कक्षा छह से आठ के लिए विज्ञान और गणित का एक शिक्षक, सामाजिक अध्ययन का एक शिक्षक और भाषा के एक शिक्षक का होना अनिवार्य है। 35 छात्रों पर कम से कम एक शिक्षक होना चाहिए। जहां 100 से अधिक बच्चे हैं, वहां एक स्थायी प्रधानाध्यापक, अंशकालिक शिक्षक, कला शिक्षक, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षक का होना अनिवार्य है।

जिन विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात में असमानता है, उनकी सूची तैयार की जाएगी। जहां शिक्षकों की संख्या अधिक है, वहां से शिक्षकों को हटाकर वैसे विद्यालयों में भेजा जाएगा, जहां शिक्षकों की भारी कमी है।

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