Jharkhand: रांची पुलिस को नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है. यह सफलता सोमवार को एसपी के कुमार गौरव के नेतृत्व में हासिल की गई है. झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित और लातेहार पुलिस की दबिश से परेशान होकर जेजेएमपी उग्रवादी संगठन के नौ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया.
सर्वाधिक वांछित अपराधी
1. जोनल कमांडर रविंद्र यादव – (पांच लाख रुपये का इनाम), 14 आपराधिक मामले दर्ज, दो एके-47 राइफल, तीन अन्य राइफलें और 1241 कारतूस पुलिस को सौंपा.
2. सब-जोनल कमांडर अखिलेश रविंद्र यादव- (पांच लाख रुपये का इनाम), 10 आपराधिक मामले दर्ज , एक एके-47 और 256 कारतूस के साथ हथियार डाले.
3. सब-जोनल कमांडर बलदेव गंझू- (पांच लाख इनामी), 9 आपराधिक मामले दर्ज
4. मुकेश राम यादव- (पांच लाख इनामी), 21 मामले दर्ज
5. पवन उर्फ राम प्रसाद- (तीन लाख इनामी), तीन मामले दर्ज, एक राइफल के साथ आत्मसमर्पण
6. एरिया कमांडरों में ध्रुव- तीन मामले दर्ज, एक राइफल के साथ आत्मसमर्पण
7. विजय यादव- दो मामले दर्ज, एक राइफल के साथ आत्मसमर्पण
8. श्रवण सिंह- दो मामले दर्ज, एक एके-47, एक राइफल और 131 राउंड कारतूस के साथ आत्मसमर्पण
9. मुकेश गंझू- दो मामले दर्ज, एक एके-47, एक राइफल और 154 राउंड कारतूस के साथ आत्मसमर्पण
पुलिस और प्रशासन को मिली बड़ी कामयाबी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण अभियान नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के लिए सरकार पुनर्वास योजनाएं चला रही है. अधिकारियों का कहना है कि इससे संगठन की कमर टूटेगी और ग्रामीण इलाकों में विकास की गति बढ़ेगी.
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