MP assembly polls election commission: आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भोपाल में बुधवार को निर्वाचन आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। जिसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मध्य प्रदेश में निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियों की समीक्षा पूरी हो गई है। इस बार के चुनाव में खास इंतजाम किए गए है जिससे की वरिष्ठ नागरिकों को भी वोटिंग में किसी प्रकार के परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए आयोग के पदाधिकारियों ने तीन दिनों तक अलग-अलग स्तरों पर बैठकें की, तथा तैयारियों की समीक्षा की गई।
वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी घर से वोटिंग की सुविधा
आपको बता दें कि आगामी विधानसभा के चुनाव में वरिष्ठ नागरिक घर से ही वोटिंग कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से पांच दिन के पहले ही फॉर्म 12 D भरकर जमा करना होगा। वोटिंग के लिए निर्वाचन टीम उनके घर जाकर वोटिंग कराएगी। इसकी रिकॉर्डिंग भी कराई जाएगी। इसके अलावा राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी घर जा सकेंगे। बुजुर्गों और दिव्यांगों को यह सुविधा दी जाएगी। सक्षम एप के माध्यम से इस सुविधा को लिया जा सकता है।
पोलिंग बूथों पर होगी वेबकास्टिंग
आयोग ने मतदान के लिए जो व्यवस्था की है, उसके तहत एक परिवार के सभी सदस्यों का मतदान एक ही पोलिंग बूथ पर होगा। संवेदनशील केंद्रों पर पैरामिलिट्री बलों को तैनात किया जाएगा। जो पहले आएगा, उसका वोट पहले पड़ेगा। धन-बल और बाहुबल पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। 50 प्रतिशत से अधिक पोलिंग बूथों पर वेबकास्टिंग की जाएगी। इसके साथ ही घर से पोलिंग बूथ की दूरी दो किमी से अधिक नहीं होगी। इसके लिए 362 नए पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।
तीन स्तरों पर हुई चुनावी तैयारियों की समीक्षा
निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों ने विधानसभा के चुनाव को लेकर तीन स्तरों पर चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। जिसमें पहले चरण में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर उनके मुद्दों को समझा। उसके बाद जिलों के कलेक्टरों और एसपी से तैयारियों पर चर्चा की गई। इसके बाद मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक स्तर पर बैठक की गई। निर्वाचन आयोग ने बताया कि राजनीतिक दलों ने मांग उठाई थी कि एक ही परिवार के सदस्यों का मतदान केंद्र एक ही होना चाहिए। इसे मान लिया गया है। इसी तरह 50 वोट डालकर मॉक पोल की मांग उठी है। फेक न्यूज पर रोक लगाने की मांग की थी, इसके लिए जिलाधिकारी की जवाबदेही तय की गई है। साथ ही सोशल मीडिया पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। चुनाव प्रभावित करने वाले अधिकारियों का तबादला करने की मांग उठी थी, उस पर विचार किया जाएगा।