Punjab: शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बैरक बदलने को लेकर दायर की गई याविका पर सुनवाई 2 अगस्त को होगी। वीरवार को भी मोहाली की अदालत में सरकार क ओर से जवाब दाखिल नहीं किया गया। मजीठिया न जेल में अपनी सुरक्षा को खतरा बताते हुए बैरक बदलने की मांग की थी। इसी दिन उनकी जमानत याचिका भी लगी हुई है।
मजीठिया की कोर्ट में पेशी
मजीठिया की आज मोहाली कोर्ट में नियमित पेशी हुई थी। पिछली बार कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था, जिसकी अवधि आज समाप्त हो रही थी। अब कोर्ट ने एक बार फिर 14 दिन की न्यायिक हिरासत बढ़ाते हुए उन्हें दोबारा नाभा जेल भेजने का आदेश दिया।
क्या है मामला
बिक्रम मजीठिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपों की जांच चल रही है। इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो और एसआईटी की टीम ने उनकी संपत्तियों का गहन मूल्यांकन भी शुरू कर दिया है। जांच एजेंसियों के मुताबिक मजीठिया और उनके परिवार के नाम पर दर्ज दर्जनों बेनामी संपत्तियां और कंपनियों की जांच की जा रही है, जिनका कथित तौर पर ड्रग्स मनी से संबंध है।
राजनीतिक हलकों में हलचल
बिक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी को लेकर पंजाब की राजनीति में हलचल मची हुई है। अकाली दल इसे राजनीतिक प्रतिशोध बता रहा है, जबकि आम आदमी पार्टी सरकार का कहना है कि कानून सभी के लिए समान है और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई किसी भी दबाव के बिना की जा रही है।
बता दें कि बिक्रम मजीठिया इससे पहले ड्रग्स केस में भी लंबे समय तक जांच के दायरे में रह चुके हैं। अब आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी गिरफ्तारी ने फिर से उन्हें राजनीतिक और कानूनी घेरे में ला खड़ा किया है।
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