Ram Mandir: नवरत्‍नों से बने सुमेरू पर्वत पर विराजेंगे रामलला, काशी के कारीगरों ने किया तैयार

Ayodhya Ram Mandir: भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा की तैयारियां तेजी से चल रही है. मंदिर (Ram Mandir) में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा के लिए मूर्ति का चयन भी हो गया है. मूर्ति के चयन के पहले सभी बिंदुओं और पहलुओं पर विचार विमर्श भी किया गया है. राममंदिर के गर्भगृह में नवरत्नों से बने सुमेरू पर्वत पर रामलला विराजमान होंगे.

इस नवरत्‍न जड़े सुमेरू पर्वत को काशी में कुशल कारीगारों से तैयार कराया गया है. इसके निर्माण में हीरा, पन्ना और माणिक्य जैसे बहुमूल्य रत्नों का इस्‍तेमाल किया गया है. बता दें कि राममंदिर (Ram Mandir) और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह को भव्य बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. 

Ram Mandir: काशी में तैयार कराया गया

प्राणप्रतिष्ठा के बाद भगवान रामलला को नवरत्नों के सुमेरू पर्वत पर विराजमान कराया जाएगा. इस सुमेरू पर्वत को काशी में कुशल कारीगारों ने बनाया है. इसके निर्माण में नवरत्नों हीरा, पन्ना, नीलम, मोती, पुखराज, मूंगा, गोमेद, रूबी और लहसुनिया के साथ ही सोने का भी इस्‍तेमाल किया गया.  

सुमेरू पर्वत के साथ सप्तधान्य और सप्तमृतिका भी वाराणसी से गया है. राममंदिर व रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त निकालने वाले पं. गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ एवं काशी विद्वत परिषद के पदाधिकारियों से इन सभी वस्तुओं को लेकर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय इसे अयोध्या पहुंचा चुके हैं. रामलला के विग्रह को नवरत्नों के सुमेरू पर्वत पर विराजमान कराने की सलाह काशी विद्वत परिषद ने ही दी थी.

Ram Mandir: दो कैरेट से अधिक हीरा

सुमेरू पर्वत में दो कैरेट से अधिक हीरा, सवा नौ रत्ती से ऊपर हीरा, पन्ना, नीलम, मोती, पुखराज, मूंगा, गोमेद, रूबी और लहसुनिया है.
सप्तमृतिका: वाराणसी के देवालयों की मिट्टी, अश्वालय, गोशाला, वेश्यालय, यज्ञशाला, गंगा और खेत की मिट्टी भेजी गई है.
सप्तधान्य: सप्तऋषियों के प्रतीक सप्तधान्य में जौ, तिल, चावल, मूंग, कंगनी, चना और गेहूं भेजा गया.

Ram Mandir: प्राणप्रतिष्ठा के लिए पहुंच रही सामग्री

-रामलला के ननिहाल छत्तीसगढ़ से तीन हजार क्विंटल चावल भेजा जा रहा है.
-ससुराल नेपाल के जनकपुर से मेवा, फल, मिठाइयां व वस्त्र-आभूषणों से सजे 1100 थाल 5 जनवरी तक अयोध्या पहुंच जाएंगे.
-120 किलो की घंटी: तमिलनाडु के नामक्कल से 42 घंटियां, एक का वजन 120 किग्रा है.
-एटा जिले में बना अष्टधातु का 21 किलो का 6 फुट ऊंचा और 5 फुट चौड़ा घंटा.
-गुजरात के वडोदरा से गाय के गोबर से तैयार 108 फुट लंबी अगरबत्ती.
-नर्मदा, बेतवा, चंबल, ताप्ती, सतलुज, नेपाल की गंडक, इंद्रावती व सुनकोशी नदी का जल.

ये भी पढ़ें :- UP IPS Transfer: कानपुर के कमिश्‍नर आरके स्‍वर्णकार हटाए गए, सात IPS अधिकारियों का हुआ तबादला   

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *