Varanasi: धर्म, अध्यात्म और सांस्कृतिक की नगरी काशी पुरातनता काया के साथ जब आधुनिक स्वरूप में आने लगी तो लोग यहां प्रॉपर्टी में निवेश करने लगे। कोई आशियाना बनाना चाह रहा है तो कुछ लोग हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में निवेश कर रहे हैं। वहीं उद्योग धंधों के लिए भी लोग भूमि आदि में निवेश कर रहे हैं। 2018 के मुकाबले वित्तीय सत्र 2022-23 में भूमि रजिस्ट्री से स्टाम्प शुल्क के रूप में 54 प्रतिशत से अधिक राजस्व की वृद्धि हुई है। पूर्वांचल की उर्वरा भूमि विकास के कार्यो से फिर लहलहा रही है।
नव्य-भव्य विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के बाद पर्यटन समेत अन्य उद्योगों को काशी में संजीवनी मिलने लगी। वाराणसी में प्रॉपर्टी में लोगों का निवेश बढ़ा। वाराणसी मंडल के उप महानिरीक्षक निबंधन ऋषिकेश पांडेय ने बताया कि वाराणसी मंडल के चार जिलों वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली में भूमि के रजिस्ट्री के लिए स्टाम्प बिक्री से राजस्व प्राप्ति वित्तीय सत्र 2018-19 में 928.02 करोड़ का हुआ था। जो सत्र 2022-23 में बढ़कर 1430.65 करोड़ का हो गया। वित्तीय सत्र 2018-2019 के मुकाबले सत्र 2022 -23 में 54.16 प्रतिशत से अधिक है।
वित्तीय वर्ष स्टाम्प से राजस्व प्राप्ति ( सम्पत्ति खरीदने से )
2018 -19 928.02 करोड़
2019 -20 966.55 करोड़
2020 -21 944.84 करोड़
2021 -22 1148.79 करोड़
2022 -23 1430.65 करोड़
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे व राष्ट्रीय राजमार्ग के जरिये जब पूर्वांचल में अच्छी कनेक्टिविटी हुई तो विकास ने भी रफ़्तार पकड़ ली। नव्य भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम के कारण काशी में पर्यटन उद्योग की नई पटकथा लिख गई है। काशी समेत पूर्वांचल में विकास के नए आयाम बने तो काशी में व्यापार के नए अवसर दिखने लगे। इसका परिणाम पूर्वांचल में व्यापार के बढ़ते ग्राफ से साफ़ दिखने लगा है।