UP : सियासी खेल के केंद्र में इस बार मिशन 2027 की तैयारी चल रही है। बता दें इससे पहले सूबे में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होगा। इस दौरान इसे विधानसभा चुनाव का रिहर्सल माना जा रहा है। इस सियासी खेल के दौरान सत्ता में वापस आने का ख्वाब देख रही समाजवादी पार्टी ऐसे में दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक (पीडीए) कार्ड खेल रही है।
उसी समय प्रारंभ हुई छत्रपति शिवाजी की जयंती
जानकारी के मुताबिक इसकी प्रमुख नींव पीएम मोदी ने अलीगढ़ में सितंबर 2021 में रखी थी। जाट समाज के महापुरुष राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर विश्वविद्यालय की शिलान्यास किया था। इस दौरान इसका लाभ भी भाजपा को 2022 विधानसभा चुनाव में मिला था है। बता दें कि उसी समय आगरा किला में छत्रपति शिवाजी की जयंती की परंपरा प्रारंभ की गई थी।
अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर पाल-बघेल
बता दें कि धनगर समाज को अहिल्याबाई होल्कर के नाम पर पाल-बघेल एकजुट किया गया। पाल-बघेल की जनसंख्या आगरा व अलीगढ़ मंडल में 6 से 7 लाख है। वहीं अकेले आगरा की 9 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 3 लाख वोट हैं। वहीं, जाट समाज भी आगरा व अलीगढ़ मंडल जिलों में निर्णायक भूमिका निभाता है। क्षत्रिय समाज भी आगरा की 9 विधानसभा क्षेत्र में बड़ा वर्ग है।
भाजपा ने ही संभाली शक्ति प्रदर्शन की डोर
जानकारी के मुताबिक,, मुगलिया स्मारकों के लिए मशहूर आगरा में छत्रपति शिवाजी के सहारे हिंदू गौरव को बल दिया जा रहा है। इसी मामले का लेकर पिछले महीने राणा सांगा पर सियासी घमासान मचा था। जिसके बाद देशभर से क्षत्रिय संगठन आगरा में जुटे। इस दौरान खुलकर भाजपा सामने तो नही आई लेकिन पर्दे के पीछे शक्ति प्रदर्शन की डोर भाजपा जनप्रतिनिधियों ने ही संभाल रखी थी।
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