UP: उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं और औद्योगिक हादसों के दौरान समय पर राहत और बचाव कार्य सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी एक्सप्रेस-वे पर हर 100 किलोमीटर की दूरी पर फायर टेंडर और एक छोटी फायर चौकी स्थापित की जाए, ताकि किसी भी दुर्घटना के बाद गोल्डन ऑवर में राहत कार्य शुरू किया जा सके. यह निर्णय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने अग्निशमन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान लिया, जिसमें उन्होंने विभाग को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की.
सीएम ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
मुख्यमंत्री गुरुवार को अग्निशमन विभाग की समीक्षा कर रहे थे. उन्होंने विभागीय कैडर रिव्यू की आवश्यकता जताते हुए निर्देश दिए कि प्रत्येक रीजन में स्पेशलाइज्ड यूनिट गठित की जाए, जो केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल दुर्घटनाओं और सुपर हाईराइज बिल्डिंग जैसी परिस्थितियों से निपटने में सक्षम हों. मुख्यमंत्री ने फायर सर्विस को अत्याधुनिक उपकरणों और प्रशिक्षित जनशक्ति से सुसज्जित करने के निर्देश भी दिए.प्रदेश में बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिक विस्तार और शहरीकरण की गति को देखते हुए अग्निशमन विभाग की संरचना को अधिक सशक्त, आधुनिक और जनसुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील बनाना समय की आवश्यकता है.
नई भर्तियां और प्रशिक्षण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभाग में 98 राजपत्रित और 922 अराजपत्रित पदों के सृजन को मंजूरी दी है, जिससे प्रदेश के विभिन्न जनपदों और मुख्यालय स्तर पर फायर सर्विस की कार्यक्षमता में इजाफा होगा. साथ ही, अग्निशमन प्रशिक्षण महाविद्यालय में अतिरिक्त पदों के सृजन से प्रशिक्षण की गुणवत्ता में भी सुधार होगा. इसके अलावा, वित्तीय पारदर्शिता और प्रशासनिक क्षमता को बढ़ाने के लिए हर जिले में अकाउंट कैडर स्थापित किया जाएगा.
एक्सप्रेस-वे पर ‘सेफ्टी नेटवर्क‘ तैयार
प्रदेश में लगातार बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा का नया खाका तैयार करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि हर 100 किलोमीटर पर छोटी फायर चौकियां स्थापित की जाएंगी, जिनमें अत्याधुनिक फायर टेंडर, प्राथमिक चिकित्सा उपकरण और प्रशिक्षित स्टाफ मौजूद रहेगा. इन चौकियों के माध्यम से किसी भी सड़क हादसे या वाहन में आग लगने की स्थिति में 10 से 15 मिनट के भीतर राहत कार्य शुरू किया जा सकेगा. यह व्यवस्था गंगा क्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, और लखनऊ–आगरा एक्सप्रेस-वे जैसे प्रमुख मार्गों पर लागू की जाएगी.
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