UP Government Pension: वृद्धावस्था पेंशन के लिए अब बुर्जुगों को भटकना नहीं पड़ेगा। न आवेदन का झंझट होगा न किसी दस्तावेज का। किसी जांच की भी टेंशन नहीं होगी। 60 साल से अधिक उम्र वालों को स्वत: पेंशन मिलेगी। यह सब प्रक्रिया होगी फैमिली आईडी, जनसुविधा केंद्र व अन्य डाटा से। डाटा के आधार पर ही पात्रों का चयन किया जायेगा।
समाज कल्याण विभाग ने इस नवाचार की शुरूआत पायलेट प्रोजेक्ट के रुप में शुरू किया है। वृद्धावस्था पेंशन में यह नवाचार सफल रहा तो विधवा, दिव्यांगजन पेंशन के अलावा अन्य सभी सरकारी योजनाओं में भी इसे लागू किया जाएगा। इससे एक तरफ अपात्रों को पात्र बनाने का खेल रुकेगा। दूसरी तरफ लाभर्थियों की कागजी औपचारिकताएं कम होंगी।
जिले में 73 हजार वृद्धावस्था पेंशन लाभार्थी हैं। करीब 10 हजार से अधिक लोग ऐसे हैं जिन्हे पेंशन मिलती ही नही हैं। किसी के पास आय प्रमाणपत्र नहीं है तो किसी का आधार में गलतियां है। किसी का खाता आधार से लिंक नहीं है तो कोई कम शिक्षित है। ऐसी कुछ न कुछ समस्याएं हैं जिनकी वजह से यह लाभ नही उठा पाते। ऐसे में इन सभी के लिए यह पहल वरदान साबित हो सकती है।
घर जाकर पूछेगी टीम, लाभ लेंगे या नहीं
समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण की इस पहल को अंजाम तक पहुंचाने के लिए जिला स्तर पर एक टीम बनाई जाएगी। इसमें तकनीकी जानकार शामिल होंगे जो डाटा का सत्यापन कर पात्रों को चिह्नित करेंगे। फिर उन सभी के घर जाकर उन्हें योजना के बारे में बताया जायेगा और इस संबंध में सहमति लिया जायेगा।
लेखपालों की मनमानी पर लगेगी रोक
पेंशन योजनाएं आय पर आधारित हैं। लाभार्थी को आय प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना पड़ता है। जिनकी सालाना आय 46 हजार रुपये से कम है, उन्हें ही लाभ मिलता है। ऐसे में लेखपाल पात्रता के लिए कई बार अपात्रों का आय प्रमाण पत्र बना देते हैं। इस नवाचार से लेखपालों की मनमानी पर रोक लगायी जायेगी। डाटा में प्रदर्शित आय के आधार पर ही लाभार्थी को चिह्नित किया जाएगा।
लाभर्थियों को मिलेगा लाभ
जिला समाज कल्याण अधिकारी घासीराम प्रजापति ने बताया है कि फैमिली आईडी व अन्य डाटा के आधार पर लाभर्थियों का चयन होगा। इस नवाचार को पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है। और कहा कि यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो अन्य योजनाओं में भी इसे लागू किया जाएगा।