UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी स्कूलों में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ को अनिवार्य करने का ऐलान किया है. सीएम ने आज, 10 नवंबर को गोरखपुर में ‘एकता यात्रा’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस कदम से नागरिकों के मन में भारत माता और मातृभूमि के प्रति श्रद्धा और गौरव की भावना प्रेरित होगी. उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के प्रति सम्मान की भावना होनी चाहिए. हम उत्तर प्रदेश के हर स्कूल और शैक्षणिक संस्थान में इसका गायन अनिवार्य करेंगे.’
सभी विद्यालयों में वंदे मारत का पाठ होगा अनिवार्य
सीएम योगी ने कहा, हमारा मकसद विद्यार्थियों में देश के प्रति सम्मान और गर्व की भावना विकसित करना. वंदे मातरम के गान से बच्चों में राष्ट्रभक्ति का संस्कार विकसित होगा. इस बारे में शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इससे जुड़ा औपचारिक आदेश पारित किया जाएगा. आदेश में यह भी उल्लेख होगा कि वंदे मारत का पाठ हर दिन प्रार्थना सभा के दौरान किया जाएगा. ठीक उसी तरह जैसे जन गण मन का गायन होता है.
‘वंदे मातरम्’ राष्ट्रीय भावना का प्रतीक
सीएम ने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर कुछ भी नहीं, और ‘वंदे मातरम्’ हमारी सांस्कृतिक पहचान और राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है. वंदे मातरम का विरोध करने का कोई मतलब नहीं है. राष्ट्र से बढ़कर कुछ भी नहीं है. कुछ लोगों के लिए मत और मजहब ऊपर है. उन्होंने याद दिलाया कि ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे हो चुके हैं और इसे बदलने का कोई प्रयास सफल नहीं होगा.
विभाजनकारी होगें दफन
सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर बांटने वाले तत्वों की पहचान करना हमारा कर्तव्य है. ये नए जिन्ना बनाने की साजिश का हिस्सा हैं. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत में फिर कभी कोई नया जिन्ना न उभरे. विभाजनकारी इरादे को जड़ जमाने से पहले ही दफना देना होगा.
‘वंदे मातरम्‘ का इतिहास
‘वंदे मातरम्’ की रचना बंकिम चंद्र चटर्जी ने की थी. यह पहली बार 7 नवंबर, 1875 को साहित्यिक पत्रिका ‘बंगदर्शन’ में उनके उपन्यास ‘आनंदमठ’ के हिस्से के रूप में प्रकाशित हुआ था. यह गीत जल्द ही औपनिवेशिक काल के दौरान भारत के जागरण और प्रतिरोध का प्रतीक बन गया था.
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