Uttarakhand: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को प्रदेश में आने वाले दूसरे राज्यों के वाहनों से ‘ग्रीन सेस’ वसूलने की कार्रवाई में लेटलतीफी पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिकारियों को इस योजना को जल्दसे जल्द शुरू करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने यहां वित्तीय वर्ष 2025-26 की राजस्व प्राप्ति की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों से इस बात पर नाराजगी जतायी कि प्रदेश से बाहर के वाहनों से ‘ग्रीन सेस’ वसूलने की प्रक्रिया अब तक शुरू क्यों नहीं की गयी.
पर्यावरण संरक्षण पर दिया जाए ध्यान
प्रदेश से बाहर के वाहनों से ग्रीन सेस लेने की कार्यवाही में लेटलतीफी पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने परिवहन विभाग को ग्रीन सेस की वसूली जल्द शुरू करने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पर्यावरण संरक्षण का ध्यान रखते हुए राज्य के हित में वन संपदा का सही उपयोग किया जाए. तराई क्षेत्रों में कमर्शियल प्लांटेशन तथा जड़ी-बूटियों के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए ठोस योजना बनाई जाए.
1 जनवरी से ग्रीन सेस वसूली का दावा
संयुक्त परिवहन आयुक्त एसके सिंह ने मीडिया से बातचीत में दावा किया है कि एक जनवरी से ग्रीन सेस वसूली शुरू कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि विभाग पूरी तरह तैयार है और तकनीकी अड़चनें दूर होते ही व्यवस्था लागू कर दी जाएगी.सरकार द्वारा तय ग्रीन सेस शुल्क के अनुसार कारों से 80 रुपये, बसों से 140 रुपये, डिलीवरी वैन से 250 रुपये और ट्रकों से उनके आकार के अनुसार 120 रुपये से लेकर 700 रुपये तक ग्रीन सेस वसूला जाएगा.
सीएम धामी ने अधिकारियों को किया निर्देशित
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में तय समय सीमा के भीतर ग्रीन सेस वसूली शुरू की जाए. उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए यह कदम बेहद जरूरी है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
पूंजीगत व्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि
सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार दीर्घकालिक आर्थिक सुदृढ़ता के लिए पूंजीगत निवेश पर विशेष बल दे रही है. पूंजीगत व्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जिससे राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई गति मिलेगी और स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण होगा. उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रबंधन को आधुनिक और उत्तरदायी बनाने के लिए नीति सुधार, नवाचार तथा नई तकनीकों पर निरंतर ध्यान दिया जाना जरूरी है. पारदर्शिता, जवाबदेह और जनहित में ठोस परिणाम देने वाला प्रशासन हमारा उद्देश्य है. जिसके लिए सभी अधिकारियों को कड़े वित्तीय अनुशासन, बेहतर प्रबंधन और सामूहिक उत्तरदायित्व के साथ कार्य में जुटे रहना होगा.
कर चोरी पर रोक के लिए AI तकनीक का इस्तेमाल
राजस्व वसूली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कर चोरी की पहचान, डेटा एनालिसिस, संदिग्ध लेन-देन पर निगरानी, रियल-टाइम रिपोर्टिंग तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाया जा सकता है.
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