वाराणसी। जिले के किसान अब स्ट्रॉबेरी और प्रायोगिक तौर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर सकेंगे। इसके लिए उद्यान विभाग की ओर से अनुदान दिया जाएगा। इसकी घोषण सोमवार को राज्य स्तरीय एक वेबिनार में कई गई। जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त ने बताया कि निदेशालय ने ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती पर भी अनुदान देने की योजना तैयार की है। आयुक्त सभागार में सोमवार को वेबीनार के माध्यम आयोजित राज्यस्तरीय खरीद उत्पादकता गोष्ठी में निदेशक ने बताया कि पौधों की संख्या के आधार आकलन कर अनुदान दिया जाएगा। मेड़ों पर और खेत के किनारे किसान ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाकर इसकी खेती कर सकेंगे। जैसे करौंदा, नींबू, सहित अन्य पौधे लगाते हैं। इसकी गाइडलाइन भी 15 जून तक विभाग को मिल जाएगी। जिसके आधार योजना के तहत कार्य किया जाएगा। जिले में अभी फिलहाल दो किसान रमेश मिश्र और लालचंद यादव स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं। पिछले चार साल से खेती करने वाले बड़ागांव के बलुआ के रहने वाले किसान लालचंद कहना है कि इसरवार गांव में 10 बीघा जमीन किराए पर ली है। इसमें धान, गेहूं, टमाटर, तरबूज सहित स्ट्रॉबेरी की खेती करते है। तीन बिस्वा में 30 से 35 हजार रूपये की लागत आती है। स्ट्रॉबेरी के मार्केटिंग के लिए फिलहाल एकमात्र विकल्प पहाड़िया मंडी है। यहां 200 से 250 रुपये प्रति किलो बिक पाता है। जबकि दूसरे राज्यों में 400 रुपये तक बिकती है। अनुदान से थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन मार्केंटिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। स्ट्रॉबेरी के खेती के लिए सम्मानित हो चुके कंदवा के किसान रमेश मिश्र का कहना है कि जिले स्ट्रॉबेरी की खेती सफल है, बशर्ते अनुदान के साथ किसानों को मार्केटिंग भी बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।