राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि हमारा आपका यह जीवन पाप कमाने के लिये तो है ही नहीं, व्यर्थ खोने के लिए भी नहीं है। इसका एक-एक क्षण भगवान् की प्राप्ति का शुभ क्षण है। अतएव अमूल्य है, प्रत्येक क्षण को इसलिए भगवत् प्राप्ति के साधन में लगाना चाहिये। संसार के इन्द्रिय भोग तो सभी योनियों में मिल सकते हैं, परन्तु भगवत् प्राप्ति का साधन तो इसी मानव शरीर से सम्भव है। आप जीवन को व्यर्थ के कामों में लगाते रहे तो वैसे ही संस्कार आप के मन में भरेंगे और उन्हीं संस्कारों के अनुसार व्यर्थ के कामों की स्मृति आपको होती रहेगी। भगवत् स्मृति छूट जायेगी और आपका यह भगवत् प्राप्ति का परम साधन रूप जीवन यूं ही व्यर्थ चला जायेगा। यह इतनी बड़ी हानि होगी, जिसकी पूर्ति सम्भव ही नहीं है। इसलिए भगवान् का स्मरण करते हुये जीवन के प्रत्येक छोटे बड़े कार्य को भगवान् की सेवा समझकर भगवान् की प्रीति के लिये भगवत् पूजा के भाव से करना चाहिये। इससे आपका मन निरन्तर भगवान् की स्मृति में ही लगा रहेगा और परिणाम में निश्चय ही आपको भगवत् प्राप्ति हो जायेगी, जो मानव जीवन का एकमात्र परम और चरम लक्ष्य है। बीता हुआ क्षण फिर हाथ नहीं आता।
यदि आप मानव जीवन की अमूल्यता को भूल कर इसे व्यर्थ और अनर्थ के कार्यों में लगाये रखोगे तो बड़ी भारी भूल होगी, क्योंकि आप मिले हुए अपने परम लाभ के समय को व्यर्थ खो रहे हो। अतएव अभी से चेत जाओ और अपने जीवन का प्रत्येक क्षण भगवत् प्राप्ति के साधन में लगाकर जीवन को सफल करो। आपके पास प्रधान रूप से तीन चीजें हैं, जिससे आपके कार्य चलते हैं। शरीर-मन और वाणी। इन तीनों के द्वारा ही अच्छे बुरे कर्म होते हैं। अतएव इन्हें बुरे कर्मों से हटाकर निरन्तर अच्छे कर्मों में नियुक्त रखना चाहिये। इन तीनों को भगवत् सेवा में लगाये रखना चाहिये। भगवत् सेवा के लिए ही जब शरीर से कर्म होने लगेंगे, तब वे परम पुण्य कर्म बन जायेंगे। मन के द्वारा विषय चिन्तन को सर्वथा छोड़कर भगवत् चिन्तन करना चाहिये। सत्य, अहिंसा, दया, प्रेम, त्याग, सेवा आदि सद् विचारों का चिन्तन करना चाहिए। न वाणी से मिथ्या बोलो, न कड़वा बोलो। इस तरह जब आपके तन,मन,वचन नित्य भगवान् से जुड़े रहकर प्रतिक्षण केवल भगवत् सेवा का कार्य करते रहेंगे, तो आपका जीवन सफल हो जायेगा और आप अपने परम लक्ष्य को प्राप्त करके कृतार्थ हो जाओगे। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं नवनिर्माणाधीन गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना-श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।