लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर श्रम एवं सेवा योजन मंत्री ने विभागीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल संवाद किया। वर्चुअल संवाद के दौरान श्रम विभाग के अधिकारियों ने मंत्री को बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। श्रम प्रवर्तन अधिकारी भूपेंद्र मिश्र ने मंत्री को बताया कि जिले में कुल 57 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं। जिसमें 2113 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराकर स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है। दाखिला दिलाए गए 608 बच्चों के परिजनों का निर्माण श्रमिक के रूप में श्रम विभाग में पंजीकरण कराया गया है। श्रम विभाग की तरफ से संचालित पुत्री विवाह व स्वास्थ्य सुविधा सहायता योजना का स्वीकृति प्रमाण पत्र तीन श्रमिकों को प्रदान किया गया। वर्चुअल संवाद में मंत्री ने कहा कि बाल श्रम एक ऐसा अभिशाप है जो बच्चों के सुनहरे बचपन को छीन लेता है। बच्चों के मानसिक, शारीरिक व बौद्धिक विकास को बाधित करता है। बच्चे राष्ट्र के स्वर्णिम भविष्य है उनसे मजदूरी कराना कानूनन अपराध है। बाल श्रम निषेध दिवस पर हम सभी लोग मिलकर देश से इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म करें और प्रत्येक बच्चे को उनका अधिकार दिलाने का दृढ़ संकल्प लें। इस अवसर पर बाल श्रम विभाग व बाल श्रम परियोजना के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। संवाद
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