गोंडा। कोविड-19 महामारी के दौरान परित्यक्त, अनाथ, परिवार विहीन अथवा देखरेख व संरक्षण की स्थिति में आने वाले सभी बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए शासन प्रतिबद्ध है। सभी पीड़ित बच्चों को चिह्नित करें तथा उन्हें हर संभव मदद प्रदान करें। उक्त बातें कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी मार्कंडेय शाही ने कही। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बच्चों के सामाजिक व शैक्षिक उत्थान के लिए नियमित प्रयास किया जाय। किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरतें। बैठक में डीएम ने 39 बच्चों को उ.प्र. बाल सेवा योजना के अंतर्गत लाभान्वित करने के लिए अनुमोदन प्रदान किया। बताया कि प्रतिमाह 4000 की दर से छह माह का एक मुश्त भुगतान माता अथवा पिता या परिजन के बैंक खाते में सीधे भेजी जाएगी। बुधवार को जिला प्रोबेशन अधिकारी जयदीप सिंह ने बताया कि 39 बच्चों का आवेदन पत्र पूर्ण करा लिया गया है। संबंधित खंड विकास अधिकारी व उपजिलाधिकारी की संस्तुति के उपरांत ही इन बच्चों को पात्र पाते हुए योजनांतर्गत लाभान्वित किये जाने के लिए अनुमोदन मिला है। बताया कि निदेशालय से अभी बजट प्राप्त नहीं हुआ है। इसके लिए निदेशक महिला कल्याण से बच्चों को लाभान्वित किए जाने के लिए बजट की मांग की गई है। जनपद स्तर पर बजट प्राप्त होते बच्चों को लाभान्वित कर दिया जाएगा।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेश कुमार यादव, संरक्षण अधिकारी चन्द्र मोहन वर्मा, सेंटर मैनेजर वन स्टाप सेंटर दीपशिखा शुक्ला आदि उपस्थित रहीं।