लखनऊ। राजधानी स्थित ऐतिहासिक धरोहरों का गुरुवार से पर्यटक दीदार कर सकेंगे। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बुधवार देर रात इसका आदेश जारी कर दिया है। डीएम ने बताया कि बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, पिक्चर गैलरी समेत नॉन कंटेनमेंट जोन में स्थित सभी ऐतिहासिक धरोहरों को सैलानियों के लिए खोला जा रहा है। बड़ा इमामबाड़ा में एक समय में 200 और छोटा इमामबाड़ा में एक बार में अधिकतम 40 सैलानियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। बिना फेस मास्क व सैनिटाइजेशन के प्रवेश नहीं मिलेगा। प्रवेश द्वार पर सैलानियों की थर्मल स्क्रीनिंग व पल्स ऑक्सीमीटर से जांच के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा। आमजन की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए ई-टिकटों की बिक्री की जाएगी। स्मारकों की पार्किंग व कैफेटेरिया में डिजिटल पेमेंट को ही बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटकों के प्रवेश और निकास के द्वार की अलग-अलग व्यवस्था रहेगी। सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पर्यटन स्थल पर ग्रुप फोटोग्राफी पर प्रतिबंध रहेगी। परिसर में भीड़ एकत्र नहीं की जा सकेगी। सैलानियों के लिए प्रवेश के बाद आंतरिक परिसर में बने रहने की समयावधि भी निश्चित की जाएगी। लाइसेंसधारक गाइड व फोटोग्राफर्स को प्रोटोकॉल के साथ ही कार्य की अनुमति होगी। परिसर के अंदर किसी भी प्रकार की खाद्य वस्तुओं के प्रयोग की मनाही रहेगी। परिसर में स्थापित कैफेटेरिया द्वारा केवल पानी की बोतलों का डिजिटल पेमेंट के आधार पर वितरण किया जा सकेगा। स्टॉफ स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करेगा। ऐतिहासिक स्थलों, शौचालयों, बेंच आदि का अनिवार्य रूप से सैनिटाइजेशन किया जाएगा। पर्यटन स्थल सोमवार से शुक्रवार तक खोले जाएंगे। शनिवार व रविवार को कोरोना कर्फ्यू के चलते यह बंद रहेंगे। कोरोना काल में बड़ा इमामबाड़ा, भूल भुलैया आदि ऐतिहासिक इमारतें 15 अप्रैल से बंद कर दी गई थीं। हुसैनाबाद ट्रस्ट को रोजाना 30 से 40 हजार रुपये का नुकसान हो रहा था। इमामबाड़े के प्रभारी हबीबुल हसन ने बताया कि बड़ा व छोटा इमामबाड़ा, भूल भुलैया, पिक्चर गैलरी, बाउली का कॉम्बो टिकट प्रति व्यक्ति 50 रुपये है। बीते दो महीने से इमारतें बंद होने से ट्रस्ट को करीब 20 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी का नुकसान हुआ है।