वाराणसी। कोरोना संकट के बीच 14वें बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा के 86वें जन्मदिन को भारत-तिब्बत समन्वय संघ मनाएगा। पांच जुलाई को उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर संघ शाम पांच बजे से एक ऑनलाइन कार्यक्रम गूगल मीट के जरिये करेगा। दुनिया में तिब्बत के सर्वमान्य सर्वोच्च धर्मगुरु दलाई लामा मंगलवार को 86 वर्ष के हो जाएंगे। संघ के राष्ट्रीय सह संयोजक (प्रचार व आईटी) व कार्यक्रम संयोजक अखिलेश पाठक ने बताया कि इसमें वाराणसी के सारनाथ स्थित केंद्रीय तिब्बती केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गेशे गवांग सैमतेन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) पदम सिंह, जय प्रकाश विश्वविद्यालय (बिहार) के पूर्व कुलपति प्रो हरिकेश सिंह, उत्तराखंड की ख्यातिलब्ध शिक्षाविद डॉ रश्मि त्यागी रावत व तिब्बती सरकार के इटको, नई दिल्ली के डिप्टी कोऑर्डिनेटर तेन्ज़िन जॉर्डन वक्ता के रूप में शामिल होंगे। इसमें तिब्बत पर बढ़ती वैश्विक जागरूकता व चीन के कोरोना-कुकर्म पर चर्चा होगी।
संघ के सह संयोजक व कार्यक्रम-समन्वयक विवेक सोनी ने कहा कि इस कार्यक्रम में प्रतिभागी अवश्य बनें, ताकि समझ सकें कि दलाई लामा आखिर भारतीय संस्कृति के किस प्रकार से अमूल्य व पवित्र धरोहर हैं। बता दें कि 14वें दलाईलामा तेनजिन ग्यात्सो तिब्बतियों के धर्मगुरु हैं। इनका जन्म 6 जुलाई, 1935 को उत्तर-पूर्वी तिब्बत के ताकस्तेर क्षेत्र में रहने वाले ओमान परिवार में हुआ था। वो तिब्बत से सन 1959 में भारत आकर बस गए। नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित दलाई लामा की वजह से तिब्बत की स्वतंत्रता आंदोलन को ले कर तिब्बती एकजुट रहते हैं।