लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित प्रदेश के 47 प्रशिक्षु पीसीएस अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस मौके पर उन्होंने भावी प्रशासनिक अफसरों को दो टूक शब्दों में आगाह किया कि यदि उन्होंने पहले दिन से ईमानदारी, दक्षता, पारदर्शिता व न्यायप्रियता के साथ काम किया तो सुनहरा भविष्य स्वागत को तैयार है। लेकिन यदि पहले दिन से ध्यान नहीं दिया तो आगे चल कर खुद के लिए समस्या बनने लगोगे। उन्होंने कहा कि जो गलत करेगा, उसका भंडाफोड़ जरूर होगा, फिर जांच, प्रमोशन से डिमोशन व बर्खास्तगी की नौबत आएगी।
लोकभवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार में पूरी निष्पक्षता, पारदर्शिता के साथ योग्यता व मेरिट पर युवाओं का चयन हो रहा है। इसलिए जिस योग्यता, क्षमता व मेरिट के साथ चयन हुआ है, उसी निष्पक्षता, पारदर्शी तरीके से हरके के साथ न्याय की जिम्मेदारी होगी। हर नागरिक को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीसीएस सेवा को आईएएस की रीढ़ के रूप में देखा जाता है। तहसील व थाने से जुड़ी शिकायतें सर्वाधिक होती हैं। यदि वहां अधिकारी अनिर्णय का शिकार न हों, हरेक व्यक्ति को न्याय मिले तो फिर अव्यवस्था की नौबत नहीं आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अफसरों को एकाकी जीवन व टापू बनने से बचना चाहिए। ऐसे लोग देश-काल से कट जाते हैं। ऐसे लोगों के इर्द-गिर्द की मक्ख्यिां अव्यवस्था फैलाती हैं। इस बीमारी से पहले दिन से बचें। ऐसा कर पाएंगे तो सुनहरे भविष्य की ओर देख सकेंगे। लेकिन यदि गलत में संलिप्त होकर बढ़े तो कोई नहीं बचा पाएगा। प्रशिक्षु डिप्टी कलेक्टरों को उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, संसदीय कार्य व वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक डा. देवेश चतुर्वेदी व महानिदेशक उपाम एल. वेंकटेश्वरलु ने भी संबोधित किया। इस मौके पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, विशेष सचिव नियुक्ति संजय कुमार सिंह व धनंजय शुक्ला, संयुक्त सचिव नियुक्ति रत्नेश कुमार आदि उपस्थित रहे।