प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलिया की मनियर नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता के खिलाफ वित्तीय कदाचार की जांच शुरू कर एसडीओ को प्रशासक नियुक्त करने की वैधता की चुनौती याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि जिलाधिकारी बलिया की संस्तुति पर राज्य सरकार ने जांच बैठा कर प्रशासक नियुक्त कर अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति साधना रानी ठाकुर की खंडपीठ ने भीम प्रसाद गुप्ता की याचिका पर दिया है। नगर पंचायत मनियर की अधिशासी अधिकारी मंजरी राय से जबरन गलत ठेकों की मंजूरी लेने के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। याची व अन्य स्टाफ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। याची फरार थे तो जिलाधिकारी ने राज्य सरकार को अनियमितता की जांच कराने की राज्य सरकार को संस्तुति भेजी। जिस पर सरकार ने जांच कमेटी गठित की और जांच रिपोर्ट आने तक नगर पंचायत के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार प्रशासक को सौंप दिए गए। राज्य सरकार के पांच अगस्त 2020 को जारी इस आदेश को चुनौती दी गई कि यह अधिकार डीएम को है। राज्य सरकार ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदेश जारी किया है, इसलिए इसे रद्द किया जाए। कोर्ट ने कहा कि आपराधिक केस में कोर्ट ने सम्मन जारी किया है, याचिका में बताया नहीं गया। जांच कमेटी ने याची को कारण बताओ नोटिस जारी की या नहीं, इस बिंदु पर याचिका चुप है। सरकार की तरफ से भी जांच की स्थिति की जानकारी नहीं दी गई। कोर्ट ने कहा इतना स्पष्ट है कि डीएम की संस्तुति पर राज्य सरकार ने जांच बैठाई और प्रशासक नियुक्त किया है, जिसमें कोई खामी नहीं है।