योग को पूर्ण रूप से अपनाकर हम बन सकते हैं विश्व गुरु: कुलपति

वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि योग को पूर्ण रूप से अपनाकर हम विश्व गुरु बन सकते हैं। योग मानवता की संपूर्ण शक्ति है और भारत में प्राचीन समय से योग प्रचलित है। वह बृहस्पतिवार को शिक्षा संकाय के तहत योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा केंद्र के पांचवें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य ने कहा कि आज के समय में योग को विस्तार देने के लिए उसका विकास जरूरी है। प्रो. रवि प्रकाश पांडेय ने कहा कि कर्म करने की कुशलता ही योग है। योग का यूनिवर्सिटी में विस्तार होना चाहिए। इसे अनेक छोटे-छोटे कोर्स के रूप में बढ़ावा देना चाहिए। डेंगू से बचाव और उपचार पर कार्यशाला हुई। त्रैमासिक न्यूज लेटर योग प्रवाह के प्रथम संस्करण का विमोचन हुआ। इसकी मुख्य संपादक डॉ. चंद्रमणि हैं। स्वागत प्रो. सुशील कुमार गौतम ने किया। इस दौरान प्रो. जेएस त्रिपाठी, डॉ. एसके मिश्र, डॉ. विवेक श्रीवास्तव, राधेश्याम तथा कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय ने भी विचार व्यक्त किए। मौके पर प्रो. रेखा, प्रो. निरंजन सहाय, डॉ. शैलेंद्र वर्मा, डॉ. सुरेंद्र राम, डॉ. कुंदन सिंह, डॉ. नवरत्न सिंह मौजूद रहे। धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ. सुनीता ने किया। इस अवसर पर योग प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रमाणपत्र कुलपति ने दिया।

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