नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद यूजी-पीजी अंतिम वर्ष विद्यार्थियों के लिए कॉलेजों व विभागों के दरवाजे आज से खुलने जा रहे हैं। छात्रों को 50 फीसदी क्षमता के साथ ही प्रैक्टिकल कक्षाओं में आने की अनुमति होगी। कॉलेजों ने एसओपी के अनुसार इसकी तैयारी भी पूरी कर ली है। सेनिटाइजर मशीनों, मास्क की व्यवस्था कॉलेजों ने की है। वहीं सामाजिक दूरी का पालन हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। कॉलेजों की तैयारी तो पूरी हो गई है लेकिन अब उन्हें विद्यार्थियों के आने का इंतजार है। इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कॉलेज आने के लिए कोविड-19 वैक्सीन की एक डोज जरूरी है। नॉर्थ कैंपस स्थित हंसराज कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रमा ने बताया कि लाइब्रेरी पहले से ही खुली हुई है। अब पचास फीसदी क्षमता के साथ छात्र प्रैक्टिकल कक्षाओं के लिए आएंगे। इस दौरान कोरोना बचाव के नियमों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। अब त्यौहार शुरू होने वाले हैं ऐसे में ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए विद्यार्थियों को कॉलेज आने के लिए दबाव नहीं बनाऐंगे। विद्यार्थियों के लिए थ्योरी कक्षाएं ऑनलाइन चलती रहेंगी। वह मान कर चल रही हैं कि अभी विद्यार्थी कम ही आएंगे। रामजस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोज खन्ना ने बताया कि विद्यार्थियों से सहमति ली है। अब देखना होगा कि कितने विद्यार्थी कॉलेज प्रैक्टिकल कक्षाओं के लिए पहुंचेंगे। वह कहते हैं कि हमारे यहां दिल्ली से बाहर के काफी विद्यार्थी हैं। ऐसे में कितने विद्यार्थी आएंगे यह कहना अभी संभव नहीं होगा। कक्षाओं में विद्यार्थियों की भीड़ ना हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। कॉलेज सीमित संख्या में ही सेमेस्टर में जरूरी प्रयोग कक्षाओं में कराएंगे। विद्यार्थियों के कॉलेज-विभागों में प्रवेश के लिए कोविड-19 वैक्सीन की एक डोज जरूरी है, जबकि हॉस्टल में रहने वालों के लिए दो डोज जरूरी है। वहीं डीयू प्रशासन कॉलेजों में प्रैक्टिकल कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या देखने के बाद शारीरिक कक्षाएं शुरू करने पर निर्णय लेगा। राजधानी कॉलेज ने गूगल फॉर्म माता-पिता की सहमति के लिए भेजे हैं। फॉर्म में उन्हें टीकाकरण की स्थिति, परिवहन के तरीके के बारे में विवरण देना होगा। यदि विद्यार्थी को वैक्सीन की डोज नहीं लगी होगी तो उन्हें शिवाजी कॉलेज में टीकाकरण केंद्र पर टीके के लिए ले जाया जाएगा। कॉलेजों ने अपनी तैयारियों में सबसे पहले सैनिटाइजेशन का कार्य पूरा कर लिया है। वहीं कॉलेजों में जिन विद्यार्थियों को पुस्तकालय की जरूरत है, उन्हें पुस्तकें दी जा रही हैं। कॉलेजों ने एक टॉस्क फोर्स का गठन भी किया है। मालूम हो कि डीयू की ओर से पहले ही कॉलेजों को निर्देशित किया जा चुका है कि थ्यौरी कक्षाएं अगले आदेश तक ऑनलाइन चलती रहेंगी। कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है।