उत्तराखंड। प्रदेश में 21 सितंबर से खुल रहे कक्षा एक से पांचवीं तक के सरकारी और निजी स्कूल तीन घंटे चलेंगे। सभी स्कूल कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए दो शिफ्ट में चलेंगे। स्कूलों में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यम से पढ़ाई होगी। शासन ने कुछ प्रतिबंधों के साथ स्कूल खोले जाने को लेकर शनिवार को एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी कर दी। स्कूल सोमवार से शुक्रवार तक खुले रहेंगे। शनिवार और रविवार को जिला प्रशासन, नगर प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से स्कूलों में सैनिटाइज एवं फॉगिंग कराई जाएगी। किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। शिक्षा सचिव राधिका झा की ओर से जारी आदेश के मुताबिक राज्य के समस्त प्राथमिक स्कूलों में 21 सितंबर से भौतिक रूप से पठन-पाठन कुछ प्रतिबंधों के साथ शुरू किया जाएगा। स्कूल खोले जाने से पहले उन्हें सैनिटाइज किया जाए। स्कूलों में सैनिटाइजर, हैंडवाश, थर्मल स्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाए, हर छात्र-छात्राओं को हैंड सैनिटाइज, थर्मल स्कैनिंग कराने के बाद ही स्कूल में प्रवेश दिया जाए। स्कूलों में एंटीसैप्टिक लिक्विड हैंडवाश की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। शिक्षण संस्थाओं में बच्चों के पीने के पानी का स्थान स्वच्छ रखते हुए पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा जाए। ध्यान रहे कि ऐसे स्थानों पर छात्र-छात्राएं एक साथ एकत्रित न हों। शिक्षा सचिव की ओर से जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि स्कूलों को खोलने से पहले स्कूल प्रबंधक, प्रधानाध्यापक एवं समस्त उपखंड शिक्षा अधिकारी यह तय कर लें कि जर्जर कक्षों में शिक्षण कार्य किसी भी स्थिति में न कराया जाए। स्कूलों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था कर ली जाए। छात्र-छात्राएं जिन वाहनों से स्कूल आते हैं समय-समय पर उन्हें भी सैनिटाइज करना होगा। हर स्कूल में एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। जो सोशल डिस्टेंसिंग एवं कोविड प्रोटोकाल संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए उत्तरदायी होंगे। यदि किसी छात्र, शिक्षक या कर्मचारी में खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण होते हैं तो प्राथमिक उपचार देते हुए उन्हें घर वापस भेज दिया जाएगा। यदि कोई छात्र-छात्रा बिना मास्क के स्कूल आते हैं तो ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल को मास्क की व्यवस्था करनी होगी। स्कूल में प्रवेश एवं छुट्टी के समय मुख्य द्वार पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके इसके लिए अलग-अलग कक्षाओं के लिए समय अंतराल तय किया जाएगा, एक साथ सभी कक्षाओं को न छोड़ा जाए। स्कूल के सभी शिक्षकों, कर्मचारियों एवं भोजन माताओं के वैक्सीनेशन की व्यवस्था कर ली जाए। स्कूलों में छात्र-छात्राओं ने तय मानक के अनुरूप कितना सीखा इसके लिए शिक्षक उत्तरदायी होंगे। छात्र-छात्राओं को कितना आता है उनके इस स्तर का आंकलन एससीईआरटी द्वारा किया जाएगा। हर स्कूल में यह तय किया जाय कि शुरुआत में प्रत्येक कक्षा के हर विषय से संबंधित पिछले वर्ष के सीखने के अंतर को दूर करने के लिए एससीईआरटी द्वारा विकसित ब्रिजकोर्स के आधार पर बच्चों को पढ़ाया जाए। डेंगू एवं मलेरिया के भी बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्र-छात्राओं को स्कूल अवधि में फुल बाजू के पैंट शर्ट, सलवार कमीज पहनकर स्कूल आना होगा। शिक्षा सचिव की ओर से जारी आदेश के मुताबिक स्कूलों में प्रार्थना सभा, बाल सभा, खेल, संगीत, सांस्कृति कार्यक्रम एवं अन्य सामूहिक गतिविधियां कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए अगले आदेशों तक नहीं होंगे।