नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के सत्रारंभ समारोह को संबोधित करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि ‘नॉलेज ऐरा’ में ‘नॉलेज बेस्ड इकॉनमी’ की महत्वपूर्ण भूमिका है। 21वीं सदी में भारत ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का केंद्र होगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल रूप से सशक्त समाज इस अर्थव्यवस्था के लिए बेहद जरूरी है। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक श्री आशीष गोयल, सत्रारंभ कार्यक्रम के संयोजक एवं डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह सहित आईआईएमसी के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। ‘मीडिया और जन सरोकार’ विषय पर विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि एक पत्रकार को समाज से जुड़े प्रत्येक विषय की जानकारी होनी चाहिए। आज तकनीक ने पत्रकारों की इस क्षमता को बढ़ाया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने पत्रकारिता की दुनिया में बड़ा परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि शब्दों का सौंदर्य, विचारों का विस्तार, पत्रकारिता की गंभीरता और अभिव्यक्ति की मर्यादा, अखबारों के पन्नों में दिखाई देती है। तकनीक के इस युग में मीडिया के नए माध्यम तो आएंगे, लेकिन लिखे हुए शब्दों की मर्यादा सदैव बरकरार रहेगी। मीडिया के विद्यार्थियों को सलाह देते हुए राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि अगर आपकी स्किल अच्छी नहीं होगी, तो आप बेहतर पत्रकारिता नहीं कर सकते। इसलिए आपको हर दिन कुछ नया सीखना चाहिए और उसे समाज के हित में प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाठक ही आपका उपभोक्ता है। सूचना और मनोरंजन के साथ-साथ जनता को शिक्षा देना भी पत्रकारों का कर्तव्य है। श्री हरिवंश के अनुसार भाषा की मर्यादा और तथ्यों की सत्यता मीडिया के लिए बेहद जरूरी है। तथ्यों को सार्वजनिक रूप से कहने में पत्रकारों को कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए। खबरों की दौड़ में झूठी या गलत खबरें देकर पत्रकारिता की साख को हम नुकसान पहुंचा रहे हैं। अगर पत्रकारिता की साख कायम रहेगी, तो जन सरोकार के मुद्दों पर काम करना पत्रकारों के लिए आसान होगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की भाषा पर प्रत्येक व्यक्ति को विचार करना चाहिए।