भगवान श्री कृष्ण ने देवराज इंद्र का किया मार्ग-मर्दन: दिव्य मोरारी बापू

राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि गोवर्धन-पूजा दीपावली के अगले दिन अर्थात् आज हर जगह गोवर्धन पूजा की जा रही है। इसमें भगवान् श्रीराधाकृष्ण, भगवान के भक्त-संत, गोवर्धन-पर्वत और गायों की पूजा का विधान है। गोवर्धन पूजा एक मात्र ऐसा पर्व है। जिसमें 56 प्रकार के पकवान बनाकर भगवान् श्रीकृष्ण को भोग लगाया जाता है। इन पकवानों को अन्नकूट कहा जाता है। द्वापर में ब्रज वासियों की रक्षा के लिए भगवान श्री कृष्ण ने अपने दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को बायें हाथ की छोटी उंगली पर उठाकर सात दिन-सात रात रखा और व्रजवासियों की रक्षा की। देवराज इंद्र का मान-मर्दन किया। उस दिन से ही गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई। इसे अन्नकूट पर्व भी कहते हैं। ऐसे लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाकर उनकी पूजा कर पुण्य फल प्राप्त करते हैं। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं नवनिर्माणाधीन गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना-श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।

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