आम्रपाली प्रोजेक्ट की फंडिंग के लिए छह बैंक हुए तैयार…

नई दिल्ली। आम्रपाली के घर खरीदारों के लिए राहत की खबर है। सुप्रीम कोर्ट में कोर्ट रिसीवर ने बताया कि छह बैंकों ने आम्रपाली प्रोजेक्ट की फंडिंग करने के लिए हामी भरी है। इससे आम्रपाली की रुकी हुई परियोजनाएं पूरी होने की उम्मीद बढ़ गई है। जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ को कोर्ट रिसीवर ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एवं सिंध बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक आम्रपाली प्रोजेक्ट को फंडिंग करने के लिए तैयार हो गए हैं। जल्द ही बैंक यह तय करेंगे कि वे कितना पैसा देंगे। हालांकि इन बैंकों ने करीब 1000 करोड़ रुपये का निवेश करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है। नवंबर के आखिर तक इसके लिए दस्तावेजों पर दस्तखत किए जाएंगे और दिसंबर से प्रोजेक्ट को फंडिंग मिल सकेगी। पीठ ने बैंकों से कहा है कि वे बिना देरी के फंडिंग प्रक्रिया तुरंत शुरू करें। सुनवाई के दौरान नोएडा और ग्रेटर नोएडा की रियल एस्टेट कंपनियों ने आश्वासन दिया कि देरी के लिए नोएडा अथॉरिटी को जो भुगतान किया गया, उस पर कोर्ट द्वारा तय कम ब्याज दर से होने वाले लाभ का फायदा खरीदारों को दिया जाएगा। इसलिए ब्याज कम करने के आदेश को वापस लेने की नोएडा अथॉरिटी की मांग को स्वीकार न किया जाए। गत वर्ष जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने ब्याज दर घटाकर आठ फीसदी कर दी थी। अजनारा, पैरामाउंट, ऐस ग्रुप समेत अन्य रियल एस्टेट कंपनियों ने पीठ के समक्ष दलील दी कि अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के एक वर्ष बाद उसे वापस लेने की मांग की है। यह कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। बिल्डरों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने फैसले को स्वीकार किया था और अदालत के समक्ष एक हलफनामा दायर कर निर्देशों का पालन करने का वचन दिया गया था। लेकिन अब उन्हें वह आदेश उचित नहीं लग रहा है।

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