मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर संसदीय समिति ने दिया महत्वपूर्ण सुझाव

नई दिल्ली। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने को लेकर संसदीय समिति ने महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। समिति ने कहा है कि चुनाव कानून में संशोधन करके मतदाता के रूप में नामांकित करने के लिए हर साल चार तारीखें तय की जाना चाहिए। इससे लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कॉमन वोटर लिस्ट बनाने में मदद मिलेगी। इससे अधिक से अधिक पात्र युवाओं को मतदाता के रूप में पंजीयन कराने का अवसर मिलेगा। चुनाव आयोग मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए एक से ज्यादा तारीखें तय करने पर जोर दे रहा है। अब तक किसी वर्ष में होने वाले चुनाव के लिए केवल उसी व्यक्ति का मतदाता सूची में नाम जोड़ा जाता है, जो चुनाव वाले वर्ष की एक जनवरी या उससे पहले 18 वर्ष का हो चुका है। आयोग ने सरकार से कहा था कि मतदाता सूची में पंजीयन या नाम जुड़वाने की एक जनवरी की तारीख कई युवाओं को चुनाव में भाग लेने से वंचित करती है। फिलहाल केवल एक तारीख तय होने के कारण दो जनवरी को 18 साल की उम्र पूरी करने वाले युवा का पंजीयन नहीं किया जा सकता है। इसलिए जो व्यक्ति एक जनवरी के बाद 18 साल का हो जाता है, उसे मतदाता सूची में पंजीयन के लिए अगले साल तक इंतजार करना होता है। उधर कानून मंत्रालय ने एक संसदीय समिति को बताया कि ‘जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 14 (बी) में संशोधन करने का प्रस्ताव है। इसमें मतदाता सूची में पंजीयन के लिए चार तारीखें तय करने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित तारीखें हैं- 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्तूबर। एक कैबिनेट नोट में इस प्रस्ताव के साथ-साथ चुनाव आयोग द्वारा उठाए गए कुछ अन्य महत्वपूर्ण चुनावी सुधार प्रस्तावों को तैयार किया जा रहा है। कानून और कार्मिक मंत्रालय संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने शुक्रवार को लोकसभा में ‘कानून और न्याय मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों (2021-22) पर समिति की 107वीं रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई’ पर अपनी 109 वीं रिपोर्ट पेश की।

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