नई दिल्ली। चुनाव आयोग समय से पांच राज्यों में चुनाव करवाने की तैयारी में तो जुट गया है, लेकिन ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए कोरोना प्रोटोकाल का पालन सुनिश्चित करने का निश्चय भी किया गया है। उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कुछ पाबंदियां लग सकती हैं तो वोटर को वोट डालने से रोका भी जा सकता है। पांच जनवरी के बाद चुनाव आयोग कभी भी चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। आयोग पांचों चुनावी राज्यों का दौरा कर लिया है और उनकाी तैयारियों से संतुष्ट है। नया वैरिएंट भले ही हर दिन बढ़ रहा है, लेकिन यूपी सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव समय पर ही होंगे।
लोगों को महामारी से बचाने के लिए कड़ी चुनावी बंदिशें लागू होंगी तथा घर-घर जाकर पहले जैसा प्रचार और भीड़ जुटाने वाली रैलियां नहीं होंगी और प्रचार की अवधि कम करने के साथ ही प्रचार अभियान में लोगों की संख्या भी सीमित की जा सकती है। मतदान के दौरान मास्क लगाना अनिवार्य होगा। अगर कोई उल्लंघन करता पाया जाएगा तो उसे वोट डालने से भी रोका जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, आयोग के ऐसे निर्णय के बारे में पूरा प्रचार किया जाएगा, जिससे लोग जागरूक रहें। यदि नेताओं की ओर से चूक होती है, तो वे आचार संहिता उल्लंघन के दायरे में आ सकते हैं।
ज्यादातर राज्यों से जो रिपोर्ट आई है, उसके आधार पर भी आयोग कुछ नए सुरक्षा प्रोटोकाल तय करने में जुटा हुआहै। शारीरिक दूरी पर विशेष जोर दिया जा रहा है तथा इसके लिए पोलिग बूथों की संख्या बढ़ाई जा रही है। एक बूथ पर केवल एक हजार या उससे कम लोगों की ही भीड़ होगी। सैनिटाइजेशन और वैक्सीनेशन को भी प्रभावी तरीके से लागू करने की तैयारी हो रही है तथा बूथ एजेंट के लिए वैक्सीन की डबल डोज अनिवार्य होगी।