नई दिल्ली। वर्षो बाद दिल्ली वालों को अलग-अलग इलाकों में नए अस्पताल की सौगात मिलनी शुरू हुई है। द्वारका इलाके में दिल्ली सरकार का लंबे समय से निर्माणाधीन इंदिरा गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अब शुरू हुआ है। हालांकि अभी यहां कोरोना रोगियों का उपचार चल रहा है, लेकिन महामारी के नियंत्रण में आने के बाद यहां अन्य मरीजों को भी उपचार मिल सकेगा। बीते दो वर्षो में कोरोना महामारी के बीच यह तीसरा अस्पताल है, जो दिल्ली वालों को मिला है।
इससे पहले बुराड़ी और आंबेडकर नगर इलाके में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शुरू हुए हैं। हालांकि एक तथ्य यह भी है कि इन अस्पतालों में अभी पर्याप्त स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं है। तीनों ही अस्पतालों में करीब तीन से चार हजार स्वास्थ्य कर्मचारियों की आवश्यकता है। जानकारी मिली है कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया भी चल रही है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि द्वारका स्थित इंदिरा गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल करीब सात साल से बन रहा था। अब यह कोविड मरीजों के लिए शुरू हुआ है। बीते दिसंबर में यहां ओपीडी का ट्रायल भी सफल रहा। अभी इंदिरा गांधी अस्पताल में 6 विभागों की ओपीडी है। इनमें मेडिसिन, स्किन, सर्जरी, आई, पीडिएट्रिक्स, ईएनटी शामिल हैं। जल्द ही यहां ऑर्थोपेडिक यानी हड्डी रोग विभाग भी शुरू होगा।
कोरोना के अलावा यहां टीकाकरण की सुविधा भी है। द्वारका इलाके में अभी तक दिल्ली सरकार का कोई बड़ा अस्पताल नहीं था। यहां के लोगों को चिकित्सीय सेवाओं के लिए काफी परेशान होना पड़ता था। जबकि इस इलाके में प्राइवेट अस्पताल भी काफी हैं, जिनमें से तीन नामचीन अस्पताल हैं। अधिकारी ने बताया कि अब दिल्ली के बुराड़ी, अंबेडकर नगर और द्वारका तीनों क्षेत्र में अस्पताल हैं।
इससे लोकनायक, रोहिणी स्थित भीमराव अंबेडकर अस्पताल और डीडीयू जैसे उनके अस्पतालों पर मरीजों का भार कम आएगा। अस्पताल से जानकारी मिली है कि कुल 1500 बिस्तरों की क्षमता वाले इस अस्पताल में 11 मेडिकल ऑफिसर, 72 रेजिडेंट और 50 से ज्यादा नर्स तैनात हैं। साथ ही 40 से ज्यादा सीनियर रेजिडेंट भी हैं। दिल्ली सरकार ने हाल ही में यहां बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई है। इससे पहले यह 1241 बिस्तरों की व्यवस्था थी।