भगवान की कथा में रुचि है समस्त सत्कर्मों का फल: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। मनुष्य जो अपने जीवन में धर्मानुष्ठान करता है। दान,यज्ञ,तप, तीर्थयात्रा, इन सारे कर्मों का फल है, भगवान की कथा में प्रीति उत्पन्न हो जाय। भगवान की कथा श्रवण में यदि रुचि उत्पन्न हो जाय तो समझो जीवन में किये गये सारे धर्म सार्थक हो गये। कितना भी धर्म किया लेकिन भगवान की कथा में प्रीति नहीं हुई, कथा में बैठने का मन नहीं हो, समय नहीं निकाल पाते, मतलब आज तक जो धर्मानुष्ठान किया, उसका फल प्राप्त नहीं हुआ। धर्म का सुंदर अनुष्ठान मनुष्य ने किया और भगवान की कथा में यदि रुचि उत्पन्न नहीं हुई।श्रम एव हि केवलं। उसने केवल परिश्रम किया।

अर्थात् समस्त सत्कर्मों का फल भगवान की कथा में रुचि है। राजा परीक्षित कहते हैं- आपके मुख से कथा सुनकर न मुझे भूख लग रही है न प्यास लग रही है। जिस भूख प्यास से व्याकुल होकर कर्तव्य भूलकर एक महात्मा के गले में मृत सर्प डाल दिया। आज वह भूख प्यास कहां चली गई मुझे पता नहीं। परम पूज्य संत श्री घनश्याम दास जी महाराज ने बताया कि-कल की कथा में भगवान श्री कृष्ण की बाललीला एवं गोवर्धन पूजा की कथा होगी। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी,दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग,गोवर्धन,जिला-मथुरा,(उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।

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