लखनऊ। सभी एकादशियों में महत्वपूर्ण मानी जाने वाली निर्जला एकादशी इस बार 10 जून शुक्रवार को पड़ रही है, जो सभी लोगों के लिए है। इसके एक दिन पहले नौ जून को गंगा दशहरा पड़ रहा है। इस दिन गंगा जी पृथ्वी पर प्रकट हुई थी
और गंगा स्नान का अनंत फल मिलता है। निर्जला एकादशी नौ जून की रात 02.26 बजे से शुरु हो जा रहा है जो 10 जून की रात 01.16 बजे तक बना रह रहा है। 10 जून शुक्रवार को उदया तिथि से ही एकादशी प्राप्त हो जा रहा है, जिसे अति उत्तम माना जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए पंडित मनीष त्रिपाठी ने बताया कि निर्जला एकादशी के व्रत को करने से साल भर के समस्त एकादशी व्रत का फल मिलता है। इसका अनंत लाभ है। शुक्रवार को एकादशी के दिन निर्जला व्रत रखें, पीले वस्त्र धारण करें और
भगवान विष्णु की पूजा कर व्रत का संकल्प लें। भगवान को भी पीली वस्तुएं अर्पित करें और मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। अन्न और फलों का भी त्याग रखें। गरीब और जरूरतमंदों को दान करें। अगले दिन द्वादशी में भी स्नान कर श्री हरि अन्न-जल ग्रहण व्रत को परायण करें।