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हिंसा करने वालों को सेना में नहीं मिलेगा मौका: लेफ्टिनेंट जनरल

नई दिल्‍ली। केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से कई राज्यों में उग्र प्रदर्शन जारी है। आज प्रदर्शन का पांचवां दिन है। प्रदर्शनकारियों ने कई इलाकों में ट्रेन के डिब्बों को आग के हवाले कर दिया और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। इस बीच तीनों सेनाओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना ने कहीं महत्वपूर्ण बातें-

एक करोड़ रुपये का मिलेगा मुआवजा:-
लेफ्टिनेंट जनरल अरुण पुरी ने कहा कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।

सुविधाएं नियमित सैनिकों जैसी मिलेंगी:-
‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती हैं। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।

25 जून को नौसेना जारी करेगी नोटिफिकेशन:-
नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी ने कहा कि, हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारी एडवरटाइजमेंट सूचना प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे।

वापस नहीं होगी अग्निपथ योजना‘:-
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि, यह योजना किसी भी हालत में वापस नहीं होगी। सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहली जरूरत अनुशासन की होती है, इसलिए युवाओं को शांत होकर योजना को समझना चाहिए।

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि, अग्निवीर बनने के लिए आवेदन करने वाला प्रत्येक उम्मीदवार एक प्रमाण-पत्र देगा कि वह विरोध, आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा का हिस्सा नहीं था। पुलिस सत्यापन 100 प्रतिशत है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता है। यदि किसी उम्मीदवार के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो वे भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल नहीं हो सकते। उन्हें नामांकन फॉर्म के हिस्से के रूप में यह लिखने के लिए कहा जाएगा कि वे आगजनी का हिस्सा नहीं थे, उनका पुलिस सत्यापन किया जाएगा।

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