दर्द से छुटकारा पाने के लिए आजमाएं ये नेचुरल पेनकिलर…

हेल्‍थ। शरीर में होने वाली दर्द की स्थिति में सामान्यतौर पर पेनकिलर ले लेने से कुछ ही समय में आराम मिल जाता है। दर्द की स्थिति में पेनकिलर लेने के लिए हम डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन पर भी ध्यान नहीं देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि बिना डॉक्टरी सलाह के ली गई दवाएं आपको कुछ पलों में आराम तो दिला सकती हैं पर इसके कारण कई तरह के साइड-इफेक्ट्स होने का भी खतरा रहता है। ऐसे में बिना पेनकिलर के दर्द को कैसे ठीक किया जाए?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, हर बार दर्द के लिए पेनकिलर लेना आवश्यक नहीं है। हर घर में प्राकृतिक दर्द निवारक दवाएं होती हैं जो कई प्रकार के हल्के से लेकर तेज दर्द को पेनकिलर की ही तरह से ठीक करने की क्षमता रखती हैं। आमतौर पर हम घरों में मौजूद इन औषधियों के प्रभावों से अनजान होते हैं, पर इनको प्रयोग में लाकर आसानी से लाभ प्राप्त किया जा सकता है आइए हमारे घरों में मौजूद ऐसी ही कुछ औषधीय दर्द निवारकों के बारे में जानते हैं।

मांसपेशियों और चोट का दर्द:-

गिरने या अन्य कारणों से लगने वाले हल्‍के चोट की स्थिति में होने वाले दर्द को ठीक करने में हल्दी का सेवन करना विशेष लाभकारी माना जाता है। गर्म दूध के साथ मिलाकर हल्दी का सेवन रक्त को जमने से रोकता है और मांसपेशियों के दर्द से राहत दिलाने में सहायक है। हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो चोट के कारण होने वाले सूजन को कम करने में कारगर हैं। इसके अलावा हल्दी के एंटीसेप्टिक और एंटीबायोटिक गुण घावों को ठीक करने में मदद करते हैं।

दांतो का दर्द:-

दांतों के तेज दर्द से कुछ ही पलों में राहत पाने के लिए लौंग की कली को चूसना या दर्द वाले दांत पर कॉटन में लौंग का तेल लगाकर रखने से कुछ ही पलों में आराम मिल जाता है। यदि आप मुंह के संक्रमण से पीड़ित हैं तो लौंग को चबाने या मुंह में रखने से लक्षणों से राहत मिलती है। लौंग के तेल में सक्रिय यौगिक यूजेनॉल पाया जाता है जो स्वाभाविक रूप से रक्त को पतला करने और रक्त के थक्के को रोककर हृदय की समस्याओं से बचाने में भी सहायक है।

सिरदर्द के लिए अदरक और तुलसी:-

अदरक और तुलसी से बनी चाय सिरदर्द और फ्लू के कारण होने वाली समस्याओं को कम करने में सहायक है। इसके अलावा अध्ययनों में यह भी पाया गया कि अदरक जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द के लिए भी एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। अदरक में मौजूद फाइटोकेमिकल्स दर्द पैदा करने वाले हार्मोन के उत्पादन और रिलीज को नियंत्रित करते हैं। यह मतली और मॉर्निंग सिकनेस के लिए भी प्रभावी उपाय है। थकान के कारण होने वाले दर्द में अदरक की चाय काफी फायदेमंद मानी जाती है।

पेट का दर्द:-

अपच, गैस या फिर पेट में सूजन के कारण होने वाले दर्द में दही का सेवन करना आपको काफी लाभ दे सकता है। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं जो पेट के दर्द का कारण बनने वाले कारकों को कम करके लाभ दे सकते हैं। पाचन की प्रक्रिया को ठीक रखने में भी दही के स्वास्थ्य लाभ हैं।  पेट के दर्द की समस्या को कम करने के लिए अजवाइन का सेवन करना भी लाभकारी माना जाता है।

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