नई दिल्ली। शुक्रवार को भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने मानवाधिकारों पर 10वें दौर की बैठक की। इस बैठक में मानवाधिकार रक्षकों और पत्रकारों सहित सिविल सोसाइटी की स्वतंत्रता, और विविधता की रक्षा करने पर सहमति बनी। सरकार ने एक बयान में कहा कि, दोनों पक्षों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी चर्चा हुई।
भारत और यूरोपीय संघ ने सभी मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस संदर्भ में, खुले और लोकतांत्रिक समाजों के रूप में दोनों तरफ से मानवाधिकारों की सार्वभौमिकता पर जोर दिया गया।
इन मुद्दों पर भी की चर्चा:-
भारत और यूरोपीय संघ ने नागरिक और राजनीतिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों और कमजोर समूहों से संबंधित व्यक्तियों के अधिकारों, धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता , महिला सशक्तिकरण, बच्चों के अधिकार, समलैंगिकों के अधिकारों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। इसके अलावा दोनों पक्षों ने प्रवासियों के अधिकार, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग, सुरक्षा और मानवाधिकारों के मुद्दे, व्यापार , सार्वजनिक स्वास्थ्य में सहयोग, और मानवीय सहायता पर जोर दिया।