रीढ़ संबंधी विकारों को दूर करने में कारगर है ये योगासन…

योग। ऑफिस में लगातार बैठे रहने के कारण शरीर के पोस्चर से संबंधित विकारों का जोखिम काफी बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। यह रीढ़ की समस्याओं का कारण बनती है जिससे पीठ में दर्द और मांसपेशियों से संबंधित कई प्रकार की अन्य जटिलताओं का खतरा भी बढ़ जाता है। लॉग सिटिंग जॉब्स अर्थात ऑफिस वर्क काफी समस्याकारक मानते हैं। इस तरह की दिक्कतों के जोखिम को कम करने के लिए योगासनों का अभ्यास करना बहुत जरूरी है। विशेषज्ञ रीढ़ की दिक्कतों को दूर करने के लिए उष्ट्रासन योग जिसे कैमल पोज के नाम से भी जाना जाता है, को अभ्यास करने की सलाह देते हैं।
योग विशेषज्ञ के अनुसार  उष्ट्रासन मध्यवर्ती स्तर का बैक-बेंडिंग योगाभ्यास है जिसे हृदय चक्र को खोलने के लिए  किया जाता है। यह योग शरीर में लचीलापन और ताकत को बढ़ाने के साथ बेहतर स्ट्रेचिंग करने, पाचन में सुधार करने और पीठ के दर्द में राहत पाने के लिए फायदेमंद माना जाता है। तो चलिए इस योग को करने के तरीके और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं…

उष्ट्रासन योग करने का तरीका :-

उष्ट्रासन योग हर आयु के लोगों के लिए लाभकारी हो सकता है। हालांकि इसके सुरक्षित अभ्यास के लिए आपको विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इस योग को करने के लिए सबसे पहले घुटनों के बल बैठ जाएं। अब सांस लेते हुए रीढ़ के निचली हिस्से को आगे की तरफ जाने का दबाव डालें। इस दौरान पूरा दबाव नाभि पर महसूस होना चाहिए। अपनी पीठ को पीछे की तरफ मोड़ते हुए झुकें। गर्दन को ढीला छोड़ दें। इस स्थिति में 30 से 60 सेकेंड तक बने रहें। किसी विशेषज्ञ की निगरानी में इस योग को करने की सलाह दी जाती है।

उष्ट्रासन योग से लाभ :-

उष्ट्रासन योग के कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, यह रीढ़ और पीठ की समस्याओं को दूर करने में विशेष लाभकारी है। रीढ़ को सीधा रखने के अलावा पीठ के निचले हिस्से में दर्द की समस्या को दूर करने में इस योग के विशेष लाभ हो सकते हैं। यह आसन पाचन में सुधार करता है। शरीर की बेहतर स्ट्रेचिंग के साथ पीठ और कंधों को भी मजबूत बनाने में भी इस योग के अभ्यास के लाभ हैं।

जिन लोगों को शरीर के निचले हिस्से, विशेषकर पीठ में दर्द रहता है, उन्हें इस योग से लाभ मिल सकता है। मासिक धर्म की परेशानियों को दूर करने में भी इससे मदद मिलता है।

कुछ सावधानियां :-

उष्ट्रासन योग संपूर्ण शरीर के लिए वैसे तो विशेष लाभकारी है, पर इससे संबंधित कुछ सावधानियों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी माना जाता है। जिन लोगों को पीठ या गर्दन में चोट या गंभीर दर्द हो, रक्तचाप की समस्या बनी रहती है, ऐसे लोगों को इस योग को न करने की सलाह दी जाती है। उष्ट्रासन योग को गर्भावस्था में भी नहीं करना चाहिए। यदि हाल ही में आपकी पेट की सर्जरी हुई है तो भी इस योग को न करने की सलाह दी जाती है।

 

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