पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि सत्संग के अमृतबिंदु-व्याकुलता जाग जाये तो पलक झपकने में देर लग सकती है पर प्रभु के आने में देर नहीं लगती-जब अंदर से व्याकुलता उठनी शुरू हो जायेगी तो प्रभु के आने में देर नहीं लगती। संत महापुरुष कहा कहते हैं- मन में ईश्वर प्राप्ति की व्याकुलता न हो तो लाखों वर्ष भजन करने से भी भगवान् नहीं मिलेंगे, व्याकुलता जाग जाये तो पलक झपकने में देर लग सकती है पर प्रभु के आने में देर नहीं लगती। भगवत प्राप्ति की व्याकुलता जगाओ। कथा सुनने का मतलब है कि हृदय निर्मल हो जाये और मन में पीड़ा जाग जाये, इसीलिए बार-बार कथा सुनो। सुनते-सुनते मन अंदर पिघल जाता है। कई भक्तों को हमने देखा है कि जरा सी करुण बात हुई कि टप-टप आंसू गिरने लगते हैं। क्योंकि सुनते-सुनते मन पिघल चुका है, शुद्धि हो चुकी है और वह आंसू बनकर बह जाते हैं। गोपांगनाएँ कहती हैं, उद्धव जी आपके मथुरा में दो-चार महीने वर्षा होती होगी लेकिन यहां तो बारह महीने वर्षा होती है, अखंड वर्षा, चौबीस घंटे रात-दिन ये नैन बरसते हैं। हम तरसती हैं सूखे कपड़े पहनने को, जबसे श्यामसुंदर गये हैं, हमारे नसीब में सूखा कपड़ा नहीं है। उद्धव बोले- क्यों गोपियों, क्या बात है? तुम सूखे कपड़े क्यों नहीं पहन पातीं? गोपियां बोली हम जितनी देर में सूखे कपड़े पहनती हैं, उतनी देर भी गीले होने में नहीं लगते, इतने आंसू गिरते हैं। अंजन थिर न रहत अंखियन में, कर कपोल भये कारे। उद्धव निसि दिन बरसत नैन हमारे। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी,बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन,जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।