हाथों की आर्थराइटिस को दूर करने के लिए करें ये योगासन

योग। आर्थराइटिस यानी गठिया की समस्या तेजी से बढ़ रही है, 30 से कम आयु के लोगों में भी इसका जोखिम बढ़ता जा रहा है। यह बीमारी जीवन की गुणवत्ता और दैनिक कार्यक्षमता को भी प्रभावित कर देती है। आमतौर पर माना जाता है कि आर्थराइटिस की समस्या घुटनों में होती है जिसके कारण आपके लिए चलना, उठना तक भी कठिन हो जाता है, पर क्या आप जानते हैं कि यह कलाइयों-उंगलियों में हो सकती है?
हाथों में आर्थराइटिस के जोखिम को कम करने के लिए दिनचर्या में योगासनों को शामिल करना बेहतर विकल्प हो सकता है। योगासन, मांसपेशियों की सख्ती को कम करने और हड्डियों के विकारों से बचाने में आपके लिए लाभकारी हो सकते  हैं।
योग विशेषज्ञ कहते हैं, यदि आप कलाई के दर्द से पीड़ित हैं और हाथों में आर्थराइटिस की आशंका है तो योग बेहतर विकल्प हो सकता है। ऐसे कई योगासन हैं जो आपकी कलाई की मांसपेशियों को मजबूत करने और कलाई की गतिशीलता में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। कलाई में दर्द की समस्या काफी आम है, दुर्घटना या कंप्यूटर पर लगातार टाइप करने के कारण इसकी दिक्कत हो सकती है। तो आइए जानते हैं कि इसके लिए किन योगासनों को दिनचर्या का हिस्सा बनाना आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है?

गोमुखासन योग :-
गोमुखासन को शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी माना जाता है, शरीर की स्ट्रेचिंग के साथ मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं में भी इस योग के लाभ पाए गए हैं। हाथों को पीछे की तरफ ले जाने वाले इस अभ्यास से कलाइयों की ताकत बढ़ती है और संबंधित मांसपेशियों की जकड़न कम होती है। गतिशीलता में सुधार करने से लेकर छाती को खोलने के अलावा कंधों की समस्याओं को कम करने में भी इस अभ्यास के लाभ देखे गए हैं।

गरूड़ासन योग :-
गरूड़ासन योग शरीर के लचीलेपन और ताकत को बढ़ाकर, कलाई की गतिशीलता में सुधार करने का प्रभावी तरीका हो सकता है। एकाग्रता को बढ़ावा देने के लिए भी इस योग का अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है। यह पोज़ शरीर को स्ट्रेच करके बॉडी पोस्चर को भी बढ़ावा देता है। नियमित रूप से इस अभ्यास की आदत बनाना हाथों में आर्थराइटिस के जोखिम को कम करने में आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

प्लैंक पोज :-
प्लैंक पोज का अभ्यास आपकी रीढ़, पीठ और आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में आपके लिए विशेष लाभकारी है। यह आर्थराइटिस के जोखिमों को कम करने वाला सबसे प्रभावी अभ्यास हो सकता है। प्लैंक पोज का अभ्यास शरीर की ताकत को बढ़ाने और हड्डियों को स्वस्थ रखने में आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकता है। प्लैंक पोज के अभ्यास की आदत कोर से लेकर घुटनों तक के लिए विशेष लाभकारी हो सकती है।

 

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