देश में 2031 तक 20 नए परमाणु उर्जा संयंत्र चालू करने की सरकार कर रही योजना

नई दिल्ली। सात दिसंबर से चल रहे संसद के शीतकालीन सत्र का आज 7वां कार्य दिवस है। चीन से टकराव के मुद्दे पर दोनों सदनों में आज एक बार फिर से विपक्षी दलों का हंगामा जारी है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी समेत कई नेताओं ने इस मुद्दे पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। इसके अलावा संसदीय पैनल ने प्रतिस्पर्धा कानून संशोधन विधेयक में बदलाव का सुझाव दिया है।

सरकार ने बुधवार को लोकसभा में जानकारी दी है कि देश में 2031 तक 20 परमाणु ऊर्जा संयंत्र चालू करने की योजना है जिससे बिजली उत्पादन क्षमता में करीब 15,000 मेगावाट की बढ़ोतरी होगी। इन 20 परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में से 700 मेगावाट का पहला संयंत्र 2023 में गुजरात के काकरापार में चालू होने की उम्मीद है।

राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के एक लिखित उत्तर के अनुसार, कलपक्कम में 500 मेगावाट के प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर के 2024 में चालू होने की संभावना है। इसके बाद 2025 में कुडनकुलम में 1,000 मेगावाट की दो इकाइयां चालू होंगी। इसी तरह राजस्थान के रावतभाटा में 700 मेगावाट की दो इकाइयां 2026 तक पूरी होने की संभावना है, जबकि कुडनकुलम में 1,000 मेगावाट की अन्य दो इकाइयां 2027 तक पूरी होने की संभावना है। वहीं, हरियाणा के गोरखपुर में 2029 तक 700 मेगावाट की दो इकाइयों के पूरा होने की उम्मीद है।

 

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