पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, ।।जग जप राम राम जप जेही।। “जग-जप राम।” सारा जगत राम को जपता है। लेकिन श्रीराम भक्त का नाम जपते हैं। हनुमान का नाम जपते हैं। भक्त भगवान का नाम जपते हैं और भगवान भक्त का नाम जपते हैं। भरत सरिस को रामसनेही। जग जप राम राम जप जेही। इसीलिए देवराज इंद्र श्री भरत लाल जी की श्री राम दर्शन यात्रा में व्यवधान नहीं करते हैं। देवता भी पुष्प बरसाने लगे, बाजे बजाने लगे, रास्ता दिखाने लगे। भरत जी की यात्रा में सब अनुकूल बन गये। भगवान की भक्ति करने से सारे ग्रह, सारे देव, सारी विघ्न बाधाएं अनुकूल हो जाती हैं। जितने प्रतिकूल हैं, वह भी भगवान की भक्ति करने से अनुकूल हो जाते हैं। विषम हाथ और ललाट की रेखाएं भी ठाकुर जी की सेवा पूजा से अनुकूल बन जाती है। सब कुछ अच्छा हो जाता है, जिसके जीवन में भगवान की उपासना है। प्रश्न यह नहीं है कि हमारे जीवन में बहुत विघ्न बाधाएं, प्रतिकूलता और कष्ट है। इस सबका एक ही कारण है हमारे-आपके जीवन में भगवान् की आराधना उपासना में कमी है। अगर जीवन बहुत उलझन से भरा हो, बहुत संकटों से भरा हो, बहुत कष्टों से भरा हो, कोई रास्ता नहीं दिखाई पड़ रहा है। ऐसी परिस्थिति में भी भगवान् की आराधना से सब कुछ अच्छा हो जाता है। इसलिए भगवान की आराधना उपासना की तरफ विशेष झुकाव रखना चाहिए। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर, (राजस्थान)