हेल्थ। अर्थराइटिस (गठिया) किसी भी उम्र में हो सकती है। उम्र बढ़ने के साथ इसका प्रभाव भी बढ़ता जाता है। खासकर 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में ये समस्या आम हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अर्थराइटिस एक लाइलाज समस्या है, जिसे केवल पेन किलर, योग और लाइफस्टाइल में परिवर्तन करके कंट्रोल किया जा सकता है। मौसम में बदलाव के साथ ये समस्या ट्रिगर कर सकती है, इसलिए इसका इलाज नेचुरल तरीके से किया जाना चाहिए। अर्थराइटिस में मसाज और सिकाई से आराम मिलता है।
विशेषकर कैस्टर ऑयल यानी अरंडी के तेल से मसाज करने से दर्द को कम किया जा सकता है। कैस्टर ऑयल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। यदि इसका प्रयोग सही ढंग से किया जाए तो पुराने अर्थराइटिस के दर्द को भी कंट्रोल किया जा सकता है।
चार हफ्ते तक करें इस्तेमाल :-
अर्थराइटिस के दर्द से निजात पाने के लिए लगभग चार हफ्ते तक कैस्टर ऑयल का नियमित प्रयोग करना चाहिए। कैस्टर ऑयल से मसाज करते वक्त प्रभावित क्षेत्र पर गुनगुने ऑयल का प्रयोग करें। इससे जोड़ों में होने वाली सूजन और अकड़न को भी ठीक किया जा सकता है। चार हफ्ते तक दिन में तीन बार मसाज करने से मांसपेशियों को दोबारा एक्टिव करने में मदद मिल सकती है।
अर्थराइटिस का दर्द असहनीय होता है। कई बार ये इतना बढ़ जाता है कि लोगों का उठना-बैठना भी बहुत मुश्किल हो जाता है। जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए कैस्टर ऑयल से मसाज के बाद गर्म पानी की थैली से सिकाई की जा सकती है। मसाज के बाद सिकाई करने से मांसपेशियों को आराम मिलता है और ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार होता है।