वास्तु। वास्तु शास्त्र में बाथरूम उन सकारात्मक ऊर्जाओं के लिए बहुत महत्व रखता है, जिन्हें आप अपने घर में आने देते हैं। वास्तु टिप्स के मुताबिक, बाथरूम के लिए वास्तु योजना पर कम ध्यान देने से वित्त और स्वास्थ्य के मामले में नुकसान हो सकता है और आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा और अशुभता ला सकते हैं। वास्तु शास्त्र वास्तुकला का एक प्राचीन, पारंपरिक विज्ञान है जहां आप समझ सकते हैं कि कोई अपने घर में रिक्त स्थान को कैसे डिजाइन और लेआउट करता है। वास्तु शास्त्र में घर में बाथरूम-टॉयलेट बनाने के लिए कुछ आवश्यक नियम बताए गए हैं। खासतौर पर अटैच्ड बाथरूम-टॉयलेट के नियमों का पालन करना बहुत ज्यादा जरूरी है, वरना जीवन नकारात्मकता से भर जाता है। यदि आप भी घर में अटैच्ड बनाना चाहते हैं या पहले से ही आपके कमरे से जुड़ा हुआ बाथरूम है तो आपको कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। यदि आप सावधानी नहीं बरतेंगे तो वास्तु के मुताबिक आपको आर्थिक नुकसान हो सकता है। तो आइए जानते हैं वास्तु के कुछ उपाय।
- आजकल घरों में अटैच्ड बाथरुम बनवाने का चलन हैं। इसका नकारात्मक प्रभाव पति-पत्नी के रिश्तों पर भी पड़ता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक सोते समय अपने पैर बाथरूम की तरफ न करें, इससे पति पत्नी के बीच झगड़े बढ़ते हैं।
- सोते समय बाथरूम का दरवाजा भी हमेशा बंद रखें। अन्यथा दाम्पत्य जीवन में तकरार बढ़ेगी। कभी-कभी बात इतनी बढ़ जाती है कि तलाक की नौबत आ जाती है। इसके साथ ही घर की आर्थिक स्थिति भी इससे बिगड़ने लगती हैं।
- अटैच्ड बाथरूम वास्तु दोष का कारण भी बनता है। वास्तु दोष को दूर करने के लिए अपने बाथरूम में कांच की एक कटोरी रखें और इसमें सेंधा नमक भर लें। इसे एक सप्ताह तक बाथरूम में वैसे ही रखा रहने दें। इसके बाद उस नमक को सिंक में फ्लश कर दें और फिर कटोरी में दूसरा नमक भर कर रख दें।
इस उपाय से बाथरूम से जुड़े वास्तु दोष खत्म होते हैं। कोई भी बाथरूम हो, उसकी टॉयलेट सीट हमेशा बंद रखनी चाहिए, क्योंकि इससे नेगेटिव एनर्जी निकलती है, इससे आर्थिक नुकसान होता है।