नई दिल्ली। केंद्र सरकार गर्मी के दौरान बिजली की मांग बढ़ने पर इस बार बढ़ी हुई कीमतों पर बिजली उपलब्ध कराएगी। इसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने हाई प्राइस डे अहेड मार्केट (एचपी-डीएएम) और सरप्लस पावर पोर्टल (पीयूएसएचपी) लॉन्च किया। अब बिजली की मांग बढ़ने के दौरान कुछ खास श्रेणी के विक्रेताओं की ओर से 12 रुपये प्रति यूनिट की तय सीमा से ऊंची कीमत पर बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। एचपी-डीएएम ऐसे गैस और आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को महंगी बिजली बनाने और बेचने में सहायता करेगा, जो किसी वजह से उत्पादन नहीं कर रहे हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि एचपी-डीएएम यह सुनिश्चित करने के लिए समग्र रणनीति का हिस्सा था कि उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति के लिए सभी उपलब्ध बिजली क्षमता का उपयोग किया जाए। एचपी-डीएएम के संचालन के बारे में बताते हुए सिंह ने कहा कि किसी को भी अत्यधिक दर वसूलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा कि एचपी-डीएएम में सिर्फ उन्हीं उत्पादन क्षमताओं को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी, जिनकी बिजली उत्पादन लागत 12 रुपये प्रति यूनिट से अधिक है। यदि उत्पादन लागत 12 रुपये से कम है, तो जनरेटर को पावर एक्सचेंज के इंटीग्रेटेड डे अहेड मार्केट (आई-डीएएम) में केवल 12 रुपये की अधिकतम कीमत के साथ बिजली की पेशकश करनी होगी।
उन्होंने सीईए और ग्रिड कंट्रोलर को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि एचपी-डीएएम में कीमतें उचित बनी रहें, जिसे सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें ताकि कोई भी बिजली उत्पादक अधिक कीमत न वसूल सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ विकसित देशों की तुलना में भारत एक बहुत ही स्थिर बिजली बाजार है, जहां पिछले वर्ष उत्पादन लागत की तुलना में बिजली शुल्क बहुत ज्यादा दर्ज किया गया।