लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मार्च से ही लू दस्तक देगी। हालांकि यह बहुत प्रभावी नहीं होगी। अप्रैल से मई तक लू का प्रकोप पूरे प्रदेश में रहेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर राहत विभाग ने अलर्ट जारी किया है।
यूपी में सामान्य तौर पर न्यूनतम तापमान 24 से 26 और अधिकतम तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस माना जाता है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार न्यूनतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहेगा। इसी तरह मई में उत्तरी पश्चिमी यूपी को छोड़कर शेष हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहेगा।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर राहत विभाग ने लू के प्रकोप से बचाने और गर्मी के दौरान सावधानियां बरतने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। भारत सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने भी इसकी समीक्षा की है।
ये हैं दिशा-निर्देश :-
- लू से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को पहले ही अलर्ट किया जाएगा। जिला अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी पर ओआरएस की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। क्षेत्रीय अस्पतालों में गर्मी से संबंधित परीक्षण की उचित व्यवस्था की जाएगी।
- शहरी क्षेत्रों की बस्तियों और कस्बों में ऐसे क्षेत्रों को चिह्नित किया जाएगा, जहां लू का प्रकोप अधिक होने की आशंका है। खुले पार्क में छाया की उचित व्यवस्था की जाएगी। सड़कों पर पानी का छिड़काव करने और ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं।
विद्युत कटौती के समय में होगा बदलाव :-
लू से बचाव के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति पर्याप्त रखने के निर्देश दिए हैं। अधिक मांग वाले समय में विद्युत कटौती का समय बदलने के निर्देश दिए हैं। निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए सभी प्रकार के ररखरखाव कार्य 31 मार्च तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
लू तेज हुई तो बदलेगा स्कूलों का समय :-
लू का प्रकोप बढ़ने पर स्कूलों के समय में परिवर्तन किया जाएगा। सभी शिक्षण संस्थाओं में छाया व पानी की उचित व्यवस्था की जाएगी। विद्यार्थियों के आउटडोर शारीरिक क्रियाकलाप बंद रहेंगे।
श्रमिकों को भी राहत दिलाएं मनरेगा श्रमिकों के काम की अवधि में बदलाव करने के साथ ही कार्यस्थल पर छाया व पेयजल की उचित व्यवस्था की जाएगी। औद्योगिक व अन्य श्रमिकों के लिए गर्मी संबंधित बीमारियों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। खुले मैदान में होने वाले कार्य के लिए उसके अवधि में बदलाव किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने पशुओं की सुरक्षा के लिए लू एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। पशुपालकों और किसानों को लू की स्थिति में पशुओं की सुरक्षा के लिए जागरूक किया जाएगा। पशुओं के लिए आश्रय स्थलों, वेटनरी मेडिसिन व पेयजल की उचित व्यवस्था की जाएगी।
लू के मद्देनजर पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी होगी। उनका पंजीकरण किया जाएगा। मंदिरों व धार्मिक स्थलों पर आए श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी आश्रय स्थल और पेयजल की उचित व्यवस्था की जाएगी।