रायपुर। ईडी ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और शराब कारोबारी अनवर ढेबर के साथ अवैध शराब सिंडिकेट के ‘सरगना’ हैं। टुटेजा ने भ्रष्टाचार से अर्जित रकम का उपयोग चुनाव प्रचार में भी किया। ईडी ने कहा कि उसकी जांच में यह भी सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में बिकी कुल शराब में से 30 से 40 फीसदी शराब ‘अवैध’ थी।
बता दें कि शराब कारोबारी अनवर ढेबर की हिरासत के लिए शनिवार को रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में दायर किए गए अपने आवेदन में ईडी ने दावा किया कि एक सिंडिकेट द्वारा छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया गया, जिसमें राज्य के उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारी, निजी व्यक्ति और राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हैं।
ईडी ने दावा किया कि अवैध शराब की बिक्री से दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की काली कमाई की गई। अनवर कांग्रेस नेता और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई हैं। वहीं, 2003 बैच के आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा वर्तमान में राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं।
बता दें कि ईडी ने शनिवार को अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। विशेष पीएमएलए अदालत ने बाद में उन्हें चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है। ईडी ने आयकर विभाग की ओर से टुटेजा और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दायर आरोप पत्र के आधार पर पीएमएएल के तहत मामले की जांच के लिए पिछले साल एक मामला दर्ज किया था.
ईडी ने आरोप लगाया कि अनवर इस सिंडिकेट के मुख्य संग्रह एजेंट हैं. उसने कहा कि अनवर की ओर से अनिल टुटेजा को 14.41 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए जाने के डिजिटल साक्ष्य उपलब्ध हैं। एजेंसी के आवेदन में कहा गया है कि सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री से तीन अलग-अलग तरीके से अवैध धन एकत्र किया। वहीं, अनवर के वकील राहुल त्यागी ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित प्रतीत होती है