Varanasi: शिव की नगरी काशी में सावन का नज़ारा कुछ ख़ास होता है। श्रावण माह में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में आस्था का मेला उमड़ा हुआ है। देश के कोने-कोने से शिव भक्त काशी पहुंचे रहे हैं। सावन के प्रत्येक सोमवार को औसतन 6 लाख भक्त श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन कर रहे हैं। शिव भक्तों की सुरक्षा और चिकित्सा का दायित्व संभाले हुए 11 एनडीआरएफ़ गंगा और घाटों पर तैनात है। वहीं आसपास के क्षेत्रों के लिए आपातकाल के लिए भी वाहिनी मुख्यालय में एनडीआरएफ के जवान 24 x 7 मुस्तैद हैं।
काशी में महादेव के विराजने से सावन का महीना विशेष हो जाता। योगी सरकार कांवरियों और शिव भक्तों पर पुष्प वर्षा करती है। वही भक्तो के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया है। धाम में जलाभिषेक करने वाले भक्तों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में एनडीआरएफ भक्तों की सुरक्षा में मुस्तैद है। 11 एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक, मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पूरे सावन भर श्रद्धालुओं की सुगम और सुरक्षित दर्शन करने के लिए एनडीआरएफ के बचाव कर्मियों को वाटर एम्बुलेंस, गोताखोर, पैरामेडिक्स, डीप डाइविंग सेट, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय व अन्य बचाव उपकरणों के साथ सभी प्रमुख घाटों पर तैनात किया गया है। एनडीआरएफ के बचावकर्मी रेस्क्यू मोटर बोट एवं वाटर एम्बुलेंस के साथ श्रद्धालुओं के सुरक्षा लिए गंगा मे लगातार पेट्रोलिंग कर रहे है। एनडीआरएफ के जवान श्रद्धालुओं को गहरे पानी में ना जाने की हिदायत देते हुए सुरक्षित स्नान करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
उप महानिरीक्षक ने बताया कि एनडीआरएफ के द्वारा पूरे सावन महोत्सव के लिए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में चिकित्सा शिविर भी लगाया गया है और जरूरतमंद श्रद्धालुओं को चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण दशाश्वमेध घाट एवं राजघाट घाट पर 1-1 टीम बाढ़ राहत और सावन महोत्सव के लिए तैनात है। वाराणसी जनपद और आसपास के क्षेत्रों के लिए 04 टीमें सभी संसाधनों के साथ वाहिनी मुख्यालय में बाढ़ राहत-बचाव ऑपरेशन के लिए पूरी तरह तैयार है।