New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो देशों दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस दौरे के बाद बेंगलूरू के एचएएल हवाई अड्डे पहुंचे। यहां पीएम मोदी ने अपने संबोधन में एक नया नारा दिया- ‘जय विज्ञान-जय अनुसंधान’। इसके बाद पीएम मोदी ने ISRO टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क मिशन कंट्रोल कॉम्प्लेक्स में चंद्रयान-3 मिशन में शामिल ISOR टीम के वैज्ञानिकों से मुलाकात की। यहां पहुंचते ही पीएम मोदी ने एक्स पर ट्वीट कर कहा कि हमारे ISRO वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं, जिन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता से भारत को गौरवान्वित किया है। उनका समर्पण और जुनून वास्तव में अंतरिक्ष क्षेत्र में हमारे देश की उपलब्धियों के पीछे प्रेरक शक्ति है।
पीएम मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सराहना की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 लैंडर चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर उतरा, उसका नाम ‘शिव-शक्ति पॉइंट’ रखा जाएगा और चंद्रमा की सतह पर जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने 2019 में अपने पदचिह्न छोड़े थे, उसे ‘तिरंगा पॉइंट’ के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा जिस दिन चंद्रयान ने सफल सॉफ्ट लैंडिंग की यानी 23 अगस्त को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
इसरो के CBPO निदेशक सुधीर कुमार एन. ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी भारत पहुंचते ही व्यक्तिगत रूप से यहां आए। उन्होंने कहा कि वह जल्द से जल्द हमसे मिलना चाहते थे। इससे ज्यादा हम क्या उम्मीद कर सकते हैं। उन्होंने चंद्रयान-3 प्वाइंट को ‘शिवशक्ति’ प्वाइंट और चंद्रयान-2 प्वाइंट को ‘तिरंगा’ नाम दिया है। उन्होंने 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने की भी घोषणा की। यह सफलता का जश्न मनाने के लिए है ताकि आने वाली पीढ़ियां इसे याद रख सकें।